500 पुलिस मोबाइल वैन शीघ्र आएंगी, लगेंगे 30 हजार सीसीटीवी कैमरे
जयपुर: महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केन्द्र आगामी वर्ष के प्रथम चरण में 2 हजार 500 केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना, संभवत: राजस्थान ऐसा विभाग स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य होगा। 50 हजार स्थानीय युवक-युवतियों को मानदेय पर महात्मा गांधी प्रेरक बनाया जाना प्रस्तावित। प्रेरक की महात्मा गांधी पुस्तकाल एवं संविधान केन्द्रों का संचालन करेंगे। प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा आम आदमी को न्याय दिलाने के लिए 156 (3)सीआरपीसी के अन्तर्गत न्यायालयों से मामला दर्ज होने वाले प्रकरणों में कमी आई।
प्रदेश में कही भी अप्रिय घटना होने पर 100,112 व अभय कमांड सेंटर से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। 30 हजार सीसीटीवी केमरे लगाने का काम चल रहा है। 500 पुलिस मोबाइल वैन शीघ्र डेप्लॉय की जाएंगी इसी के साथ सीसीटीवी कैमरों की संख्या चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर 5 लाख की जाएगी। उप अधीक्षक स्तर पर एक-एक ड्रोन कैमरा उपलब्ध कराया जाएगा। अभय कमांड सिस्टम का तकनीकी सिस्टम अपग्रेड करते हुए कॉल टॉकिंग क्षमता बढ़ाने के लिए कुल सीटों को बढ़ाकर 200 किया जाना प्रस्तावित। वैर, परबतसर, नागौर एवं खैरवाड़ा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोले जाएंगे। धौलपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एडीएफ कार्यालय खोला जाएगा।
अरनोद, तालेड़ा, पहाड़ी, गंगाशहर, रामसर, बौंली, खंडेला, अजीतगढ़ में पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय खोला जाएगा।
नवीन पुलिस थाने
वैशाली नगर, बासदयाल, हदां, मुक्ता प्रसाद नगर, राहुवास एवं बोरूंदा में नवीन पुलिस थाने खोले जाएंगे। डीडवाना में महिला पुलिस थाना खोला जाएगा।
पुलिस चौकी
अंगाई, मोर, टोंक, सुलताना, बबाई, जनूथर, निम्बी जोधा, बडू, डाबला को पुलिस थानों में क्रमोन्नत किया जाएगा।
नवीन पुलिस चौकियां
रामगढ, सिलीसेढ, टिकरी, हरसोली, घाटा बांदरोल, गोठडा, छोटी सरवा, सनावडा, लीलसर, सैयदपुरा, निहालपुरा, आभानेरी, कुंडल, मालौनीखुर्द, गडामोरेया, काकरादरा, सोयला, नांदियाखुर्द, देवातडा, खुडियाला, बडी उदेई, लुहारवास, होद, मलारना चौड, उनियारा खुर्द, राणौली, सुराणा, जालोर सहित मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में पुलिस चौकियां खोली जाएंगी। साभंरलेक में स्थाई पुलिस चौकी खोली जायेगी।
75 पुलिस चौकियों, 50 पुलिस थानों, 30 पुलिस उप अधीक्षक एवं 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालयों, विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों, आरएसी, विभिन्न बटालियन व जिलों के प्रशासनिक भवनों एवं बैरकों का निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए 75 करोड रुपए का व्यय किया जाएगा।
प्रत्येक जिला स्तर पर चौबीस घंटे काम करने हेतु विशेष तकनीकी योग्यता वाली जल्द अनुसंधान निस्तारण टीम गठित की जाएगी।
पुलिस थानों में आईटी से संबंधित कार्य की अधिकता को देखते हुए एक-एक आईटी कांस्टेबल उपलब्ध कराया जाएगा तथा पुलिस तकनीकी संवर्ग में पदोन्नति के अवसर उपलब्ध करवाये जाने भी प्रस्तावित हैं।
प्रदेश में नशे की समस्या तथा इससे संबंधित अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए एंटी ड्रग एसटीएफ की स्थापना के साथ ही 9 नई एंटी ड्रग चौकियों की भी स्थापना की जाएगी। आगामी वर्ष 10 जिलों के वायरलैस को एनालॉग की जगह डिजीटल आधारित किया जाएगा। इस पर पचास करोड रुपए का व्यय होगा।
साक्ष्यों के त्वरित संग्रहण एवं एफएसएल परीक्षण के लिए सौ मोबाइल अनुसंधान युनिट संचालित हैं। इसके लिए पचास नये वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे। पुलिस कर्मचारियों की कार्य क्षमता एवं दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से खेरवाडा पुलिस ट्रेनिंग स्कूल को इंस्टीट्यूट आफ जंगल एंड फील्ड क्राफ्ट के रूप में विकसित किया जायेगा। सिलोरा में प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना की जाएगी। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल जोधपुर की प्रशिक्षण क्षमता पांच सौ से बढाकर एक हजार की जाएगी। फायरिंग क्षमता में वृद्धि करने हेतु जयपुर में इनडोर शूटिंग रेंज की स्थापना की जाएगी।