राजस्थान

50 फीसदी पद पड़े हैं खाली, राजस्थान में संस्कृत शिक्षा का हाल बेहाल

Admin2
11 May 2022 12:23 PM GMT
50 फीसदी पद पड़े हैं खाली, राजस्थान में संस्कृत शिक्षा का हाल बेहाल
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करीब 35 फीसदी से ज्यादा पद यहां पर भी खाली पड़े हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : प्रदेश के बेरोजगारों ने संस्कृत शिक्षा में करीब 2 हजार पदों पर भर्ती निकालने की मांग तेज कर दी है. गौरतलब है कि प्राथमिक स्तर पर संस्कृत शिक्षा में अंतिम बार भर्ती साल 2017 में निकाली गई थी, उसके बाद से करीब 5 सालों का समय बीत जाने के बाद भी संस्कृत शिक्षा में भर्ती का इंतजार किया जा रहा है. संस्कृत शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी के कुल 3 हजार 97 स्वीकृत पदों में से 1520 पद खाली पड़े हैं. इसका मतलब है की इन विभिन्न विषयों में शिक्षकों के करीब 50 फीसदी खाली पद पड़े हैं तो वहीं तृतीय श्रेणी संस्कृत और सामान्य शिक्षक के 6 हजार 584 स्वीकृत पदों में से 2 हजार 266 पद खाली पड़े हैं. मतलब करीब 35 फीसदी से ज्यादा पद यहां पर भी खाली पड़े हैं.

दिन पर दिन संस्कृत शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट ही देखने को मिल रही है, जिसकी प्रमुख वजह मानी जाती है. संस्कृत शिक्षा में शिक्षकों के खाली पद, संस्कृत शिक्षा निदेशालय की माने तो संस्कृत शिक्षा में 9 हजार 645 स्वीकृत पदों में से 3 हजार 843 पद यानि करीब 40 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं.
प्रारंभिक संस्कृत शिक्षा की अगर बात की जाए तो 31 मई 2021 को 1777 पदों पर वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी, लेकिन वर्तमान में हो रही शिक्षक भर्ती में संस्कृत शिक्षा के महज 253 पद ही दर्शाए गए हैं. जिसके बाद संस्कृत शिक्षा से जुड़े बेरोजगारों ने पदों की संख्या बढ़ाकर 2 हजार से ज्यादा करने की मांग की है. भर्ती से जुड़े बेरोजगारों का कहना है कि 'साल 2017 में अंतिम बार संस्कृत शिक्षा में भर्ती हुई थी.


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