राजस्थान

24 घंटे में 44 एमएम बारिश दर्ज, किसानों पर कहर बनकर बरस रहे बादल

Admin4
24 Sep 2022 9:09 AM GMT
24 घंटे में 44 एमएम बारिश दर्ज, किसानों पर कहर बनकर बरस रहे बादल
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उपखंड क्षेत्र (Bonli) में विगत 4 दिनों से जारी बारिश (Heavy Rain) का दौर अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. भादो गुजर जाने के बाद सावन के तरानों की तरन्नुम धरतीपुत्रों पर कहर की सरगम गुनगुनाने लगी है. लगातार जारी बारिश के दौर से तिल और बाजरे की फसल में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है.
क्षेत्र के मित्रपुरा, पीपलवाड़ा, बहनोली, बड़ीला, गोठ, जाहिरा सहित लगभग सभी गांवों में बाजरे की फसल में भारी नुकसान देखने को मिला है. वहीं तिल की फसल लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. तहसील सूत्रों के अनुसार विगत 4 दिनों से उपखंड मुख्यालय बौंली पर 98 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है. बीते 24 घंटों में उपखंड मुख्यालय बौंली पर 44 एमएम बारिश दर्ज की गई है. तहसील कर्मचारी मोहम्मद रफीक ने बताया कि 1 जून से अब तक उपखंड मुख्यालय बौंली पर 740 एमएम बारिश दर्ज की गई है.
वहीं औसत बारिश 550mm के मुकाबले वर्ष भर में अब तक 773 एमएम पानी बरस चुका है. लगातार जारी बारिश के दौर के बाद ढ़ील बांध पर एक बार फिर 1 फीट की चादर चलने लगी है. वहीं खारीला, भीमसागर सहित अन्य बांध भी लगभग भरने के कगार पर है. डार्क जाॅन में स्थित उपखंड क्षेत्र बौंली में विगत कुछ वर्षों से हो रही औसत से अधिक बारिश का सकारात्मक असर भूजल स्तर पर भी देखने को मिल रहा है.
धरती पुत्रों की माने तो विगत कुछ अर्से से आधा सितंबर बीत जाने के बाद इतनी भारी बारिश नहीं हुई है. क्योंकि वर्तमान में फसलों की कटाई का समय होता है. ऐसे में वर्तमान समय में हो रही बारिश का नकारात्मक पहलू किसानों के लिए रुदन का कारण बनता जा रहा है. एक ओर खेतों में कटी हुई फसल तबाह हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर पूरी तरह पक चुकी बाजरे की फसल की डालियां तक टूट कर बर्बाद हो चुकी है.
किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग:
वर्तमान समय में भी रिमझिम बारिश का दौर जारी है. ऐसे में बेमुश्किल बची हुई फसलों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. तीन-चार महीने की अपनी मेहनत को पानी में बहता देख धरतीपुत्र काफी कुंठित नजर आ रहे हैं. वहीं किसान नेता रामअवतार मीणा ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर फसल खराबे की गिरदावरी करवाने और किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.

न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews

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