राजस्थान

किशनगढ़ के 39 प्राइमरी स्कूलों पर लग सकता है ताला, 50 विद्यार्थी जरूरी

mukeshwari
3 July 2023 7:26 AM GMT
किशनगढ़ के 39 प्राइमरी स्कूलों पर लग सकता है ताला, 50 विद्यार्थी जरूरी
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39 प्राइमरी स्कूलों पर लग सकता है ताला
अजमेर। अजमेर किशनगढ़ समेत पूरे राज्य में नामांकन कम होने की वजह से एक‎ बार फिर बड़ी संख्या में‎ प्राथमिक सरकारी स्कूलों पर ताला‎ लग सकता है। प्रदेश में 10 हजार से‎ ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जिनका नामांकन‎ निर्धारित मापदंड से भी कम है।‎ इनमें अजमेर जिले में 177 सरकारी स्कूल हैं। इसमें भी किशनगढ़ ब्लॉक में 39 स्कूलों पर मर्जर का खतरा बढ़ रहा है। समायोजन से पहले शिक्षा विभाग‎ ने कम नामांकन वाली स्कूलों के प्रबंधन को‎ विभागीय नियमों के अनुसार नामांकन बढ़ाने के‎ लिए प्रवेशोत्सव के तहत 15 जुलाई तक समय‎ दिया है। यदि ये स्कूल नामांकन बढ़ाने में सफल हो‎ जाते हैं तो इस संख्या में कमी आ सकती है।
नियमानुसार एक स्कूल में कम से कम 50‎ विद्यार्थी होने चाहिए। जिन स्कूलों में‎ इससे कम नामांकन है, उन्हें नजदीक के सरकारी स्कूलों में मर्ज‎ किया जा सकता है। अजमेर जिले में‎ ऐसे 177 स्कूल हैं। स्कूल‎ मर्ज होने से पढ़ने के लिए बच्चों को‎ 1 से 3 किमी तक दूर जाना पड़‎ सकता है। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों‎ का भौतिक सत्यापन कर दिया है।‎ अंतिम निर्णय सरकार के स्तर पर होना‎ है।‎ बीकानेर निदेशालय ने डीईओ‎ मुख्यालयों से कम नामांकन वाले‎ स्कूलों की सूची मांगी है। विभागीय‎ अधिकारियों के अनुसार किशनगढ़ समेत सभी ब्लॉकों में कम नामांकन वाले स्कूलों की‎ सूची निदेशालय को भेज दी गई है।‎ हालांकि, अभी तक स्कूल मर्ज करने‎ के स्पष्ट आदेश नहीं आए हैं। इस‎ पर निर्णय 15 जुलाई के बाद होगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले के स्कूलों‎ समेत प्रदेश में करीब दस‎ हजार से ज्यादा स्कूल समायोजित हो सकते हैं।‎ इससे पहले शिक्षा विभाग‎ ने कम नामांकन वाली स्कूलों के प्रधानाचार्य को‎ विभागीय नियमों के अनुसार नामांकन बढ़ाने के‎ लिए प्रवेशोत्सव के तहत 15 जुलाई तक समय‎ दिया है। यदि ये स्कूल नामांकन बढ़ाने में सफल हो‎ जाते हैं तो समायोजित होने वाली स्कूलों में कमी‎ आएगी। अभी 20 जुलाई तक पूरी‎ जानकारी अपडेट होगी। इसके बाद ही सरकारी‎ स्तर पर निर्णय किया जाएगा।‎
विभाग की ओर से किए गए भौतिक सत्यापन में किशनगढ़ में 39, जवाजा में 25, अराई में 16, केकड़ी व पीसांगन में 12-12, भिनाय में 11, मसूदा में 13, श्रीनगर में 10, सरवाड़ में 9, सावर में 14, अजमेर ग्रामीण में 13 और अजमेर शहरी क्षेत्र में 3 स्कूल कम नामांकन के लिहाज से चिह्नित किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार निदेशालय ने‎ पिछले सप्ताह प्रदेश के सभी जिला शिक्षा‎ अधिकारियों को निर्देश दिए थे। इसमें राजकीय प्राथमिक‎ स्कूल, मिडिल स्कूल, उच्च प्राथमिक विद्यालय और‎ सीनियर सैकेंडरी स्कूलों वाले पोर्टल पर ऑनलाइन‎ रिपोर्ट मांगी है। इसमें पूछा गया है कि एक ही कैंपस‎ में चल रहे स्कूलों की संख्या कितनी है। एक स्कूल‎ से दूसरे स्कूल की दूरी कितनी है। एक किलोमीटर के‎ दायरे में आने वाले प्राथमिक स्कूल, तीन किलोमीटर‎ के दायरे में आने वाले माध्यमिक व उच्च माध्यमिक‎ विद्यालय और तीन किलोमीटर के दायरे में आने‎ वाले सीनियर सैकेंडरी स्कूल की संख्या पूछी गई है।
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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