राजस्थान
300 बैनाफ्ता कैदी खुली जेल में: परिवार के साथ मिलकर रहेंगे और सजा काटेंगे
Ritisha Jaiswal
15 Sep 2023 11:58 AM GMT

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तीन खुले शिविर हैं जहां बंदियों को रखा जाता है।
बीकानेर: राजस्थान की जेलों से करीब 300 अच्छे आचरण वाले बंदियों को खुले शिविरों में भेजा जाएगा जहां वे अपने परिवार के साथ सख्ती से सजा काटेंगे। ये बंदी मजदूर मठ कर परिवार को जीवन-यापन भी करेंगे। प्रदेश की जेलों में एक अलग सजा पूरी करने और अच्छे आचरण वाले बंदियों को शामिल किया गया है, जिसमें जेलों से मुक्ति जेल और खुले शिविर में परिवार के साथ रहना शामिल है। ओपन कैंप में मेहनत-मजदूरी कर कमाएंगे और परिवार के लोगों का जीवन-यापन करेंगे। ऐसे 300 बंदियों को प्रदेश के अलग-अलग खुले शिविरों में तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
इन बंदाओं को कैंप के आसपास रोजगार दिया जाएगा जहां मेहनत कर वे रोजाना 259 रुपए कमाएंगे। सरकार ने इसमें 26 रुपये की बढ़ोतरी की योजना बनाई है, लेकिन अभी तक वित्त विभाग की ओर से आदेश जारी नहीं होने के कारण इसे लागू नहीं किया गया है। जेल से 50 बंदियों को खुले शिविर में भेजा गया। प्रांतीय डिविजनल में 19 खुले शिविर शामिल हैं जिनमें 449 बंदियों को बनाए रखने की क्षमता है। इन शिविरों में अभी 237 बंदी ही हैं। संभागीय जिले में स्वामी केशवानंद एग्रीकल्चर विवि, भेड़-ऊण अनुसंधान केंद्र और नापासर के सींथल ग्राम पंचायत में बेलासर के गोविंद स्टूडियो सहिततीन खुले शिविर हैं जहां बंदियों को रखा जाता है।
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Ritisha Jaiswal
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