टिब्बों पर 7 सालों में लगाए 30 हजार पौधे, 6 हजार पेड़ बने
श्रीगंगानगर न्यूज: आज विश्व पृथ्वी दिवस पर आपकाे मिलवाते हैं दो ऐसे व्यक्तियों से, जो हरियाली से बेहद प्यार करते हैं। बीते सात सालाें में इन्हाेंने 30 हजार पाैधे लगाए, जाे अब पेड़ बन चुके हैं। करीब 20 फीसदी पाैधे पेड़ बनने की ओर अग्रसर हैं। ये पर्यावरण प्रेमी हैं एक कदम सेवा संस्थान के अध्यक्ष व भट्टा कारोबारी विश्वबंधु गुप्ता तथा सचिव राहुल जैन।
इन्होंने बीएसएफ के साथ पदमपुर राेड पर पाैधराेपण की शुरूआत की। फिर क्यू हैड पर भी पाैधे लगाए। सेना के साथ बाईफरकेशन हैड, साधुवाली और अबाेहर छावनी में इसी तकनीक से पाैधे लगाए गए। हमने जिले की जलवायु का अध्ययन किया और 50 साल पहले से लगे पेड़ाें की प्रजातियां चुनीं ताकि उसी प्रजाति के पाैधे लगाएं। हमें इसमें काफी सफलता मिली है।
यहां रोज 13.80 लाख लीटर ऑक्सीजन बन रही
एक स्वस्थ पेड़ हर दिन लगभग 230 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे सात लोगों को प्राण वायु मिल पाती है। यहां 6000 पेड़ है। जिनसे लगभग 13.80 लाख लीटर ऑक्सीजन हर रोज बन रही है। पेड़ लगाने से कई फायदे होते हैं। पहला, ऑक्सीजन मिलती है। दूसरा, पेड़ मिट्टी को जमीन से बांधे रखता है। तीसरा, भू जल स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। चौथा, यह वायु मंडल के तापक्रम को कम करता है। पेड़ों से आच्छादित जगह पर दूसरी जगहों की अपेक्षा 3 से 4 डिग्री तक तापमान कम होता है। इसलिए अपने आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। ताकि मानव जाति को बचाया जा सके और भविष्य के लिए सांसों का संकट भी न हो।