x
अलवर। अलवर नगर परिषद के अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकेदारों पर भ्रष्टाचार व लापरवाही का आरोप लगाते हुए तीन पार्षद आठ दिनों से नगर परिषद परिसर में धरने पर बैठे हैं. सोमवार को पार्षदों को समझाने गए अधिकारियों व कर्मचारियों से उनकी कहासुनी हो गई। इसके बाद अधिकारी व कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार कर परिषद परिसर में धरने पर बैठ गए. लेकिन कुछ कमरों में ताला लगा हुआ था। लेकिन कमिश्नर के आने के बाद कर्मचारी वापस सीट पर आ गए।
कर्मचारी-अधिकारियों का कहना था कि पार्षदों ने उनके साथ बदसलूकी की। जबकि वे समझाने गए थे। पार्षद ने कहा कि जब उनके वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता विफल हो गई थी तो वह सोची समझी साजिश के साथ आए थे. यह सब कमिश्नर के कहने पर हुआ है।
पार्षद कह रहे हैं- कर्मचारियों और अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल देंगे पार्षद सोनू चौधरी ने कहा कि अब वह कर्मचारियों व अधिकारियों के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर ही धरने से उठेंगे। उनमें से हर एक भ्रष्टाचार का सबूत है। कर्मचारियों और अधिकारियों ने जानबूझकर साजिश रची और उनके धरने को विफल करना चाहा। लेकिन अब अन्य पार्षदों से बात कर यहीं धरना देंगे। पार्षद ने कहा कि पहले कर्मचारी व अधिकारी आयुक्त के कक्ष में गए। इसके बाद पार्षद समझाने पहुंचे। जबकि दो दिन पूर्व आयुक्त व एडीएम के बीच पार्षदों की वार्ता विफल हो गई थी. फिर कर्मचारी अधिकारी क्यों आए?
वहीं कर्मचारी-अधिकारियों की ओर से एईएन राजकुमार सैनी ने कहा कि हम पार्षदों से राय लेने गए थे. लेकिन वहां उनके साथ गलत व्यवहार किया गया। उनके इस व्यवहार से नाराज सभी कर्मचारी और अधिकारी धरने पर बैठ गए हैं। कार्य बहिष्कार किया जाता है।
Admin4
Next Story