कोटा: नगर विकास न्यास की ओर से चम्बल नदी के बनाए गए रिवर फ्रंट का हर घाट अपनी अलग विशेषता लिए हुए है। नदी के दोनों छोर पर कुल 26 घाट बनाए गए हैं जहां पर्यटकों के लिए विशेषताओं का खजाना है। इन घाट पर मनोरंजन के साथ ही ज्ञान, जानकारी व संदेश सभी कुछ मिलेगा। नदी के दोनों छोर पर करीब 6 किमी. में बने रिवर फ्रंट का अगस्त में उद्घाटन होने की संभावना है। उसके बाद यह आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। उस समय जब शहरवासी व देशी विदेशी पर्यटक उसे देखने जाएंगे तो वहां वह सब कुछ देखने को मिलेगा जो अभी तक कहीं नहीं देखा होगा या फिर उन्हें देखने के लिए अलग-अलग देशों व शहरों में जाना होगा। लेकिन कोटा के हैरिटेज चम्बल रिवर फ्रंट पर देश दुनिया का एक से बढ़कर एक आकर्षण देखने को मिलेगा।
पश्चिमी छोर पर 14 घाट
रिवर फ्रंट के दोनों छोर पर कुल 26 घाट बनाए गए हैं। जिनमें से पूर्वी घाट पर 12 और पश्चिमी घाट पर नदी पार 14 घाट बनाए गए हैं। पूर्वी छोर के 12 घाटों में से तो अधिकतर के बारे में सभी को जानकारी है। जबकि पश्चिमी छोर के एक दो घाट को छोड़कर अधिकतर की जानकारी वहां जाने पर ही मिल पाएगी। कोटा बैराज की तरफ चम्बल माता की सबसे ऊंची 42 मीटर मूर्ति स्थापित की जा रही है। चम्बल माता की इतनी ऊची मूर्ति इससे पहले कहीं नहीं देखी होगी। इसका 42 में से 37 लेबल तक का काम पूरा हो गया है। इन विजुवल(अदृश्य) योगीराज की विशाल मूर्ति इसी छोर पर देखने को मिलेगी। स्टेनलेस स्टील की यह मूर्ति सामने से देखने पर गायब होगी और साइड से ही देखने पर नजर आएगी। करीब 25 मीटर ऊंची व 16 टन वजनी मूर्ति आकर्षण का केन्द्र है।
विशाल घंटी व नंदी
इस छोर पर दुनिया की सबसे वजनी घंटी लगाई जा रही है। करीब 82 हजार किलो वजनी घंटी का काम चल रहा है। इसकी आवाज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी। इसी छोर पर नंदी घाट बनाया गया है। जहां करीब 6.5 मीटर ऊंचाई की विशाल नंदी की मूर्ति देखने को मिलेगी।
एलईडी गार्डन व ग्रेंड आर्च घाट
पश्चिमी छोर पर एलईडी गार्डन बनाया गया है। जहां कई तरह की एलईडी लाइटें लगाई गई है। ये लाइटें वहां पेड़ पौधों पर पड़ेंगी तो उनका अलग ही आकर्षण होगा। इसी तरह से ग्रेंड आर्च घाट पर हाड़ौती की वास्तु कला शिल्प देखने को मिलेगी। वहीं राजस्थान पेवेलियन बनाया गया है। जहां जयपुर का हवा महल से लेकर चित्तौड़ का किला और पुष्कर व जैसलमेर के भी कई प्रतिरूप देखने को मिलेंगे।
पूर्वी छोर पर 12 घाट
इधर रिवर फ्रंट के पूर्वी छोर पर 12 घाट बनाए गए हैं। इन घाटों की भी अलग अलग विशेषताएं हैं। यहां वर्ल्ड हैरिटेज घाट पर जहां विश्व की 9 प्रसिद्ध इमारतें देखने को मिलेंगी। वहीं म्यूजिकल घाट पर फाउंटेन के साथ संगीत के विभिन्न वाद्य यंत्र बजाती मूर्तियां दिखेंगी। साहित्य घाट पर पुस्तक नुमा आकार में सीढ़ियां बनाई गई है। यहां हॉल में कार्यक्रम होंगे। सिंह घाट पर 9 बड़े शेर बनाए गए हैं। विशाल लाल किले के सामने विशाल ग्लोब बनाया जा रहा है। राजस्थानी संस्कृति की पहचान कराने के लिए आमने-सामने 6 ऊंट लगाए गए हैं जो देखने पर वास्तविक लगते हैं। इसी तरह से कई अन्य घाट भी देखने को मिलेंगे।
शहर वासियों को उद्घाटन का इंतजार
कोटा में नदी किनारे बने इस विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल को देखने के लिए शहर वासियों को इसके उद्घाटन का इंतजार है। अगस्त में इसके उद्घाटन की संभावना जताई जा रही है। जिसकी प्रशासन व न्यास के स्तर पर तैयारी की जा रही है। रिवर फ्रंट पर काम को अंतिम रूप देने के चलते यहां फिलहाल आमजन का प्रवेश बंद किया हुआ है। लेकिन सूत्रों के अनुसार येन-केन कुछ लोग रिवर फ्रंट देखने जा रहे हैं। रोजाना शाम से रात तक नयापुरा साइड पर लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। न्यास अधिकारियों का कहना है कि आमजन का प्रवेश उद्घाटन के बाद ही होगा। अभी तक उद्घाटन की तिथि तय नहीं हुई है। इसकी तैयारी चल रही है। रिवर फ्रंट व आॅक्सीजोन का उद्घाटन एक साथ ही होगा।
शांति घाट पर पंडित नेहरु
पश्चिमी छोर पर शांति घाट बनाया गया है। जिसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरु बच्चों के साथ विभिन्न स्वरूपों में नजर आएंगे। वहीं पंडित नेहरु का विशाल मुखोटा बनाया गया है। जिनकी आंख से रिवर फ्रंट का नजारा देखा जा सकेगा। छोरी चौक पर कइ यौद्याओं के प्रतिरूप देखने को मिलेगे।