उदयपुर: वन विभाग की ओर से मिड विंटर-फॉल बर्ड सेंसस किया गया, जिसमें मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स में 208 प्रजातियों के साढ़े बाइस हजार से भी अधिक पक्षियों की संख्या रिकॉर्ड की गई। इसमें मेनार के ब्रह्म सागर और ढंढ तालाब में सर्वाधिक 13 हजार से भी अधिक जलीय पक्षी शामिल हैं।
पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की उपस्थिति और जलाशयों में मौजूद विभिन्न प्रकार की मछलियों व अन्य जीवों को देखते हुए मेनार के रामसर साइट बनने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि वन विभाग ने केंद्र सरकार को रामसमर साइट बनाने प्रस्ताव पहले से भेज रखा है।
वहीं केंद्र द्वारा इस प्रस्ताव को यूएन में भी भेज दिया गया है। रामसर साइट बनने से मेनार में इको और रुरल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पक्षियों की यह गणना वेटलैंड कॉम्प्लेक्स में सम्मिलित जलाशयों, आर्द्र क्षेत्रों, घास, मेनार माल क्षेत्र, ठिकरिया, पुठियान, लंबी एरा घास, वृक्षों, बिजली के तारों आदि जगहों पर की गई है।
माना जाता है कि मेनार के जलाशय का माहौल और वातावरण प्रवासी और स्थानीय पक्षियों को खूब रास आता है। यही वजह है कि साल दर साल प्रवासी परिंदे विंटर सीजन में मेनार पहुंचते हैं। यहां अक्टूबर माह के प्रारंभ में माइग्रेशन सीजन की शुरुआत होती है। पक्षी प्रेमी दर्शन मेनारिया ने बताया कि मेनार के जलाशयों को सदियों से स्थानीय समुदाय द्वारा संरक्षित किया गया है। यहां ग्रीब्स, जलकाग, पेलिकन, बगुले, इग्रेट्स, सारस, आइबिस आदि पक्षी पाए जाते हैं।