राजस्थान

जयपुर से 21 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया

Rani Sahu
17 Nov 2022 1:15 PM GMT
जयपुर से 21 बाल मजदूरों को छुड़ाया गया
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जयपुर, (आईएएनएस)। जयपुर के भट्टा बस्ती इलाके में चूड़ी बनाने वाली इकाइयों से 12-16 साल की उम्र के 21 नाबालिग मजदूरों को छुड़ाया गया है। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बचाव अभियान, एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा स्थानीय पुलिस और एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के साथ संयुक्त रूप से चलाया गया था। पांच चूड़ी बनाने वाली इकाइयों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो कथित तौर पर फरार हैं।
सभी बच्चों को शिक्षा के बहाने बिहार के सुदूर इलाकों से तस्करी कर लाया गया था और लंबे समय तक अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था। पुलिस ने आईपीसी, किशोर न्याय (जेजे) अधिनियम और सीएलपीआरए की विभिन्न धाराओं के तहत सात प्राथमिकी दर्ज की हैं। सूत्रों ने कहा कि नाबालिग बच्चों को शिक्षा और बेहतर जीवन का झांसा देकर जयपुर लाया गया।
इनमें गया जिले के नौ, अरवल और नालंदा जिले के चार-चार और नवादा और औरंगाबाद जिले के दो-दो बच्चे शामिल हैं। बच्चों ने अपनी आपबीती में पुलिस को बताया कि नियमित भोजन और आराम के बिना उनसे सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक काम कराया जाता था।
बारह वर्षीय रमेश (बदला हुआ नाम) ने कहा, हमें कारखाने के परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी और मालिक हमें बाहर से बंद कर देता था। साथ ही, हमें छोटी-छोटी बातों पर बुरी तरह पीटा जाता था। बच्चों से बदबूदार और गंदे कमरों में काम कराया जाता था जिनमें ताजी हवा या रोशनी के लिए कोई खिड़की नहीं होती थी।
जबकि मो. फैयाज आलम, मो. शेख तबरेज, मो. शाहिद अफरीदी, मो. नोलेज आलम और मो. अजहर को गिरफ्तार कर लिया गया है, पुलिस फरार मोहम्मद सरफराज अंसारी और सियाराम चौधरी की तलाश कर रही है।
बचपन बचाओ आंदोलन (नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित) के निदेशक मनीष शर्मा ने बाल तस्करी और बाल श्रम के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, आपराधिक दिमागों द्वारा शिक्षा और अच्छे जीवन के झूठे वादे दिखाकर दूसरे राज्यों से मासूम बच्चों की तस्करी की जाती है और फिर उन्हें बाल श्रम के लिए मजबूर करने के दुष्ट तरीके अपनाए जाते हैं।
उन्होंने कहा, हमारा संगठन तस्करों की ऐसी गतिविधियों के खिलाफ सतर्क रहता है और हम सरकार के तस्करी विरोधी विधेयक का समर्थन करते हैं, हमें उम्मीद है कि इसे संसद में जल्द से जल्द पारित किया जाएगा।
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