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डूंगरपुर। सागवाड़ा में कड़ाणा विभाग की बेशकीमती जमीन उप शासन सचिव के फर्जी लेटर से हड़पने और फिर बेचने के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सागवाड़ा में कड़ाणा विभाग की बेशकीमती जमीन उप शासन सचिव के फर्जी लेटर से हड़पने और फिर बेचने के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ही आरोपियों ने मिलकर पहले ये जमीन अपने नाम करवाई और फिर बेच दी। पुलिस अब मामले में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सागवाड़ा थानाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया की 17 अगस्त को सागवाड़ा के तत्कालीन तहसीलदार मयूर शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें बताया की नजमा पुत्री उमर खा घांची और फातेमा पुत्री उमर खा घांची निवासी सागवाड़ा ने अपने सहयोगी हरिसिंह पुत्र रामसिंह चौहान निवासी रामा तहसील आसपुर के साथ मिलकर कड़ाणा विभाग की बेशकीमती जमीन को उप शासन सचिव के नाम का फर्जी आदेश बनाकर कलेक्टर को भेज दिया।
कलेक्टर ने यही आदेश एसडीएम सागवाड़ा ओर फिर एसडीएम ने तहसीलदार को भेज दिया। तहसीलदार ने आदेश की पालना में गिरदावर को लिखा। आरोपियों के बनाए फर्जी आदेश से कड़ाणा विभाग की बेशकीमती जमीन का 9 अगस्त को नामांतरण अपने नाम करवा दिया। इसके बाद इसी जमीन की 10 अगस्त को हरिसिंह के नाम रजिस्ट्री भी करवा दी। बाद में जांच के दौरान उपशासन सचिव के नाम जारी आदेश के फर्जी होने का पता लगा, जिस पर सागवाड़ा पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। सागवाड़ा थानाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया की मामले में जांच करते हुए आरोपी नजमा पत्नी अब्दुल अजीज घांची मुसलमान निवासी घांचीवाड़ा सागवाड़ा और फातेमा पत्नी अब्दुल सत्तार घांची मुसलमान निवासी घांचीवाड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस दोनों ही आरोपियों से पूछताछ कर रही है। मामले को लेकर जिला कलेक्टर की ओर से सागवाड़ा तहसीलदार मयूर शर्मा, गिरदावर और पटवारी को पहले ही सस्पेंड कर दिया है।
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