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बूंदी। बूंदी जिला कलक्टर डॉ. रवींद्र गोस्वामी ने 5000 रुपये का भुगतान बढ़ाये जाने के मामले में कार्रवाई की है. प्रधानमंत्री सम्मान निधि की पांच किस्तों में 10 हजार। गोस्वामी ने नैनवां तहसील में कार्यरत कनिष्ठ सहायक विकासकुमार नागर व तत्कालीन सूचना सहायक मनोहर सिंह को शासकीय कार्य में अनियमितता व अनुशासनहीनता के आरोप में निलम्बित कर दिया है. मनोहर वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी-संचार विभाग में सहायक प्रोग्रामर हैं। निलम्बन की अवधि में लिपिक का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय एवं सूचना सहायक, सूचना प्रौद्योगिकी-संचार विभाग बूंदी का मुख्यालय रहेगा। जांच में कनिष्ठ सहायक को तहसीलदार के पहचान पत्र का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया। नैनवां थाने में एलडीसी नगर, सोमेश, जितेंद्र, सीता, जगदीशीबाई, उल्साबाई, उम्मेदा और आशाराम के खिलाफ नैनवां तहसीलदार ने मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने धारा 409 व 120बी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारी ने पद का गलत फायदा उठाया है। एलडीसी नगर के अपात्र भूमिहीन सदस्यों व उनके परिवार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से प्राप्त राशि का गबन कर लिया गया। लिपिक ने अपात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए तहसीलदार के आईडी का दुरूपयोग किया। एसडीएम ने लिपिक को एपीओ बनाकर कलेक्ट्रेट के पद से मुक्त कर दिया। जांच में हुआ खुलासा जांच में खुलासा हुआ कि कनिष्ठ सहायक ने 15 सितंबर 2020 को खुद से प्रधानमंत्री सम्मान निधि का आवेदन पोर्टल पर करवाया था। जिसे तहसीलदार के आईडी पर स्वीकृति मिली थी। तहसीलदार से ही स्वीकृत है। तहसीलदार की स्वीकृति एवं प्रथम किस्त दिनांक 16 अक्टूबर 2020 तक कार्यवाहक तहसीलदार एवं उक्त पोर्टल का कार्य तत्कालीन सूचना सहायक मनोहर सिंह को आवंटित किया गया था.

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