विदेश में निर्यात करने के लिए 19 लोगों को मिला आईसी प्रमाण पत्र, दो साल में 64 लोगों को मिला रोजगार
कोटा न्यूज़: जिला उद्योग केंद्र के प्रयासों से कैथून के 19 बुनकरों के आईसी प्रमाण पत्र बनाए हैं जिससे अब कोटा के बुनकर सीधा माल विदेशों में निर्यात कर सकते हैं। कोटा में अब तक बुनकर पांच बार राष्टÑीय पुरस्कार,10 राज्य स्तरीय पुरस्कार, 3 राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। हरकरधा निरीक्षक महेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि कैथून के 12 बुनकरों को जीआई मार्का मिला हुआ है। वहीं 32 लोगों को इंडिया हेडलूम ब्रांड मार्का मिला हुआ है। कोटा डोरिया साडियों की डिमांड अब देश ही नहीं विदेशों में होने लगी है। कोरोना काल में बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं लागू की गई। 2019 से 2021 तक कोरोना के चलते इन योजनाओं का लोगों पूरा लाभ नहीं मिल सका लेकिन 2021-22 में कोरोना संक्रमण कम होते ही इन योजनाओं का लाभ मिलना शुरू होता लेकिन नियमों की पेचींदगी के चलते योग्य लोगों को ऋण नहीं मिल पा रहा। ऐसी स्थिति में लोग अपना काम शुरू नहीं कर सके हैं। जिला उद्योग केंद्र बेरोजगारों के आॅन लाइन फार्म लेकर बैंक में लोन आवेदन तक सिमित रह गया है। कोरोना काल में शुरू हुई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और राज्य सरकार की ओर 2019 में शुरू हुई मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में दो साल में हथकरघा बुनकर योजना में 97 आवेदन आए जिसमें से मात्र 64 लोगों के ऋण स्वीकृत हुए । इस योजना में कैथून में महिलाओं को हथकरघा के लिए 1 लाख से लेकर 3 लाख रुपए तक हथकरघा लगाने के लिए लोन स्वीकृत हुए है। सरकार की ओर से 1 लाख से लेकर 10 लाख के अंदर तक लोन के लिए आॅन लाइन आवेदन करना होता है। 10 लाख रुपए या उससे अधिक के लिए सरकार की ओर से चार विभाग की कमेटी बना रखी उसकी स्वीकृति के बाद आवेदन बैंक में जाते हैं।
कांउसलर करते हैं बेरोजगारों को गाइड:
जिला उद्योग केंद्र संयुक्त निदेशक राजीव गर्ग ने बताया कि जिला उद्योग केंद्र में बेरोजगार ऋण लेने के लिए आवेदन करने जाता है तो उसकी काउंसलिंग होती है। उसके कौशल और उसकी योग्यता के अनुसार उसको ऋण के लिए आॅन लाइन आवेदन कराया जाता है। हालांकि जिला उद्योग केंद्र की ओर से बेरोजगारों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। यहां सिर्फ लोन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ही होती है। लोन बैंक के मापदंड पर खरा उतरने के बाद ही मिलता है। काउंसलिंग में युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार उद्योग लगाने के लिए गाइड किया जाता है।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना बेरोजगारों के लिए बनी संजीवनी: जिला उद्योग केंद्र के हथकरघा निरीक्षक महेंद्र सिंह राजावत ने बताया कि मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना ने संजीवनी का काम किया। लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवा चुके युवाओं ने इस योजना में जमकर आवेदन किया। 1 जनवरी2020 से नवंबर तक जिला उद्योग केंद्र में विभिन्न व्यवसाय लगाने के लिए 504 आवेदन आए । इनको बैंकों में 3443.8 लाख रुपए ऋण स्वीकृति के लिए भेजा गया। 58 युवाओं के लोन स्वीकृत हुए । उनको 901.37 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया जिससे इन युवाओं ने होटल, स्टोन कटिंग, डेयरी, रूफ शेड, किराणा, बुनकर व्यवसाय, जिम, कूलर पेड निर्माण, कपडेÞ का व्यापार, मसाला उद्योग खोलने के लिए यह ऋण स्वीकृत किए। वहीं 2021- 22 में हथ करघा योजना के तहत 97 आवेदन आए जिसमें 64 लोगों के ऋण स्वीकृत हुए।
एक साल में बेरोजगारों के लिए 160 शिविरों का किया आयोजन:
युवाओं को रोजगार देने के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से हर माह रोजगार शिविर लगाए जा रहे है। जिसमें युवाओं को उनके कौशल के अनुसार उद्योग लगाने के लिए फार्म भराए जाते और उनको बैंक पहुंचाया जाता है। बैंक उन आवेदनों में योग्यताधारी और लोन चुकाने वाले लोगों के ऋण स्वीकृत करता है। जनवरी से दिसंबर तक खैरादाबाद में 31 शिविर लगाए, सांगोद में 29 शिविर, कैथून 31 शिविर, सुल्तानपुर में 27 शिविर, इटावा 42 शिविर, रामगंजमंडी 32 शिविर लगाए गए।
4266 बुनकर परिवार की चल रही आजीविका: बुनकरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकार की ओर हथकरघा बुनकर योजना शुरू की जिसमें 10 लाख रुपए तक लोन मिलता है। बुनकरों को हथकरघा लगाने के लिए 1 लाख से लेकर 3 लाख रुपए तक लोन कम ब्याज दर पर सरकार बैंक क माध्यम से उपलब्ध करा रही है। कोटा के कैथून में 4266 परिवार कोटा डोरिया और अन्य हेडलूम वर्क कार्य कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। जिला उद्योग केंद्र की ओर से 64 महिला बुनकरों को हथकरघा के लिए दो साल में लोन उपलब्ध कराकर उनको रोजगार दिया। इसके अलावा जिला उद्योग केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लघु उद्योग लगाने के लिए कई शिविरों का आयोजन किया गया।
2500 घरों में लगे हुए हैं लूम कैथून के हर घर में लूम लगा हुआ है। अंसारी समाज के 2500 घरों में लूम लगे हुए जिसमें कोटा डोरिया की साड़िया और दुपट्टे तैयार किए जाते है। यहां दिनभर में करीब 500 से 600 साड़िया तैयार होती है। इससे करीब 10 लोग सीधे जुड़े हुए है। कोरोना काल में हथकरघा उद्योग ने बुरे दिन देखे लेकिन बुनकरों की मेहतन और लगन से उनका जीवन फिर से पटरी पर आ गया है।
मुख्यमंत्री लद्यु उद्योग योजना के माध्यम से बेरोजगारों रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ उद्यमों की सरल स्थापना एवं रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करने हेतु ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध करना, स्वयं के उद्यम की स्थापना या स्थापित उद्यम के विस्तार के लिए विविधीकरण, आधुनिकीकरण के लिए कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार के नवीन असवर सृजन करने का कार्य अनवरत जारी है। आवेदकों को राष्टीकृत वाणिज्य बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
-राजीव गर्ग, संयुक्त निदेशक जिला उद्योग केंद्र कोटा