170 फाटकों को आरओबी बनाकर किया बंद, सिगनल प्रणाली को किया अपग्रेड
जयपुर: उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से संरक्षा को लेकर नई तकनीक का उपयोग, सिग्नल प्रणाली का अपग्रेडेशन, ट्रेक अनुरक्षण, ट्रेक नवीनीकरण, संरक्षा जागरूकता तथा मानव रहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विगत वर्षों में महत्वपूर्ण कदम उठाए है। साथ ही संरक्षा के उचित मापदंड के लिए संरक्षा आॅडिट की जा रही है। इसके साथ ही नियमित मॉनिटरिंग की जाती है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर आधुनिकतम सिग्नल प्रणाली की स्थापना के तहत वर्ष 2022-23 में 22 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली उपलब्ध करवाई गई तथा वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज पर स्थित 98 प्रतिशत से अधिक स्टेशनों पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली स्थापित की जा चुकी है। रेल कोच और वैगन में संरक्षा को सुदृढ़ के लिए एलएचबी रेंक का उपयोग किया जा रहा है। कोच में अग्निशमन यंत्र और स्मोक डिटेक्टर प्रणाली लगाई जा रही है। इसके साथ ही एंटी टेलीस्कोप कोच का उपयोग किया जा रहा है। यह कोच दुर्घटना के समय एक-दूसरे पर चढ़ने की बजाय इधर-उधर गिरते हैं, जिससे हानि कम होती है।
समपार फाटक किए समाप्त: मानव रहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की कार्य योजना के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज मार्ग पर सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त कर दिया गया है। वर्ष 2023-23 में 170 फाटकों को रोड अंडर ब्रिज-रोड अंोवर ब्रिज बना कर मानव सहित समपारों को बंद किया गया है। इससे दुर्घनाओं में अपेक्षित कमी आई है।