जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में करीब 15 सुअर मृत मिले हैं। मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र के एकसाथ 15 सुअर एक नाले में मृत मिलने के बाद इलाके में हडकंप मच गया और कई तरहों की अफवाहों उड़ने लगी। कुछ लोगों ने सुअरों में भी लंपी वायरस की आशंका जताई। हालांकि पशु चिकित्सकों का मानना है कि फिलहाल सुअरों में लंपी के कोई केस नहीं आए हैं। लेकिन सुअरों की मौत को अफ्रीकन स्वाइन फीवर का अंदेशा जताया जा रहा है। फिलहाल पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी जांच में लगे हुए है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा की पशुओं के मरने की वजह क्या रही है। लेकिन जिस क्षेत्र में सुअर मृत मिले हैं, वहां के लोग तरह-तरह की आशंकाओं से भयभीत है। वहीं मामले के संज्ञान में आने के बाद ग्रेटर नगर निगम की महापौर, उपमहापौर सहित निगम के अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। साथ ही मृत सुअरों को नाले से निकालने के आदेश जारी कर अफ्रीकन स्वाइन फीवर होने की स्थिति में पशु प्रबंधन शाखा को सजग रहने के निर्देश दिए हैं।
केरल में भी सामने आया था ऐसा ही मामला
गौरतलब है कि इससे पहले अगस्त 2022 में केरल में ऐसा ही मामला सामने आया था। केरल के कन्नूर में कनिचार पंचायत के कोलाक्कड़ फार्म में अफ्रीकी स्वाइन फीवर से 14 सुअरों की मौत हुई थी। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से संक्रमित सूअरों के नमूने लिए गए और भोपाल में प्रयोगशाला में भेजे गए। सैंपल की जांच के बाद बीमारी की पुष्टि हुई है। इसके बाद से आस पाक के किसानों में दहशत फैल गई।
कई राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप
बता दें देश के कई राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप फैल रहा है। अगस्त 2019 में भारत में पहली बार नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश में यह वायरस फैला था। अफ्रीकन स्वाइन फीवर के चलते लगातार सुअरों की मौत हो रही है। हरियाणा में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई सुअरों की मौत के बाद अन्य स्थानों पर भी तेजी से बीमारी फैल रही है। ऐसे में बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से ग्रसित सुअरों को मारने का अभियान भी चलाया जा रहा है। हरियाणा में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई सुअरों की मौत के बाद अन्य स्थानों पर भी तेजी से बीमारी फैल रही है।
इस वायरस ने मनुष्य को खतरा नहीं
भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान की माने तो ये बीमारी सुअरों से मनुष्यों में नहीं फैलती, लेकिन मनुष्य के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान के सुअरों तक पहुंच जाती है। कोविड वायरस की तरह इस पर भी लिपिड लेयर होती है। जैसे कोविड में साबुन, सैनिटाइजर से ये लेयर हट जाती और वायरस मर जाता है।