कोटा: राजस्थान में नौतपा के पहले दिन से ही भीषण गर्मी जारी है. गर्मी और लू के कारण लोगों का जीना बेहाल है. भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने राज्य में लू से 12 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए मुआवजे का ऐलान किया है। हालांकि, राज्य में लू से होने वाली मौतों को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. भीषण गर्मी और लू के बीच कोटा में 4 दिन में 12 शव मिल चुके हैं.
फलोदी में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया: फलोदी में शनिवार को 50 डिग्री तापमान के साथ सीजन का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। इसके बाद रविवार को जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 55 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है. सरकार भी लोगों को गर्मी और लू से राहत दिलाने के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी कर रही है. भीषण गर्मी के बीच कोटा में 4 दिन में 12 शव मिले. इन लोगों की मौत कैसे हुई इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है.
मौत के कारण पर कलेक्टर का जवाब: कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी ने इन लोगों की मौत गर्मी के कारण होने से इनकार किया है. कलेक्टर ने बताया कि लू से मौत का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा। बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इन लोगों की मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी. कोटा कलेक्टर ने व्यापारियों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों के साथ बैठक कर आमजन से गर्मी से राहत दिलाने में सहयोग की अपील की है.
'1990 में ऐसी गर्मी पड़ी थी'
खास बात है कि जब राजस्थान में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया तो अशोक गहलोत ने आम लोगों और सरकार से अपील की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1990 में इसी तरह राजस्थान में कुछ जगहों पर 50 डिग्री से ऊपर तापमान दर्ज किया गया था. उस वक्त कई लोगों की मौत हुई थी. हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए अस्पताल में बर्फ के टुकड़े लाए गए।