उदयपुर: उदयपुर सरकार की ओर से जिले के सुदूर गांव ढाणियों तक निशुल्क उपचार व एम्बुलेंस 108 की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन चिकित्सा महकमे के जिम्मेदार अफसर ही इसे धता बताते हुए मरीजों की जान सांसत में ला रहे हैं। कोटड़ा जैसे दुर्गम बसावट वाले क्षेत्र के आदिवासियों का स्वास्थ्य तो भगवान भरोसे है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी ने 108 एम्बुलेंस को अस्पताल परिसर में रखने से ही मना कर दिया। ऐसे में यहां के लिए आवंटित एम्बुलेंस बेकरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में खड़ी है।
आलम यह है कि गंभीर मरीजों को तत्काल उदयपुर रेफर करने की स्थिति में कोटड़ा सीएचसी में एम्बुलेंस समीपवर्ती बेकरिया या फलासिया से मंगवाई जा रही है, जिनकी दूरी करीब 45 से 55 किलोमीटर दूर है। सरकार ने उदयपुर जिले को 13 एम्बुलेंस 108 आवंटित की हुई है। इसमें से कोटड़ा ब्लॉक में कोटड़ा व बेकरिया के लिए दो एम्बुलेंस आवंटित की गई है। कोटड़ा सीएचसी से आए दिन मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रेफर किया जाता है। आदिवासी बहुल इलाके के गरीब लोगों को उदयपुर रेफर करने के लिए कोटड़ा सीएचसी की एक महज एम्बुलेंस है, लेकिन 12 दिन पहले बीएसएमओ ने इसे चिकित्सालय परिसर में खड़ा करने से मना करते हुए हटा दिया।
108 एम्बुलेंस के इंचार्ज ने उस गाड़ी को 55 किलोमीटर दूर बेकरिया में खड़ी कर दी। अभी दोनों एम्बुलेंस वहीं खड़ी है। कोटड़ा से इमरजेंसी कॉल आने पर 55 किलोमीटर बेकरिया या फिर 45 किलोमीटर दूर फलासिया से गाड़ी जा रही है। एम्बुलेंस 108 का स्टाफ पिछले चार साल से सीएचसी के क्वार्टर में रह रहा है, लेकिन क्वार्टर का लाइट का बिल जमा नहीं करवाता। अभी भी उनके करीब 10 हजार रुपए के बिल बाकी है, इस स्थिति में विद्युत विभाग ने कनेक्शन काट दिया। उनसे क्वार्टर खाली करवाया था। एम्बुलेंस की जरूरत तो यहां हरदम रहती है, ये अब दूर से आ रहे हैं, इसकी शिकायत मैंने सीएमएचओ से कर दी है।