
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सीकर। सीकर की पॉक्सो कोर्ट-2 ने 16 साल की नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के आरोपी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपए आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। दरअसल आरोपी ने अपने साथ काम करने वाले साथी मजदूर की बेटी का अपहरण कर दुष्कर्म किया था. वहीं इस मामले में जज अशोक चौधरी ने तत्कालीन एसडीएम और एसएचओ के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई का आदेश दिया है.
मामले में 16 वर्षीय नाबालिग के पिता ने 2 अगस्त 2016 को श्रीमाधोपुर मजिस्ट्रेट कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया कि वह एक साल पहले हरियाणा के एक ईंट भट्ठे पर काम करता था. पूरा परिवार हरियाणा में ही रहता था। भट्ठे पर काम करने के दौरान उसकी पहचान संदीप से हुई थी। इसके बाद नाबालिग का पूरा परिवार वापस अपने गांव आ गया। 7 जून 2016 को संदीप नाबालिग के घर आया। अगले ही दिन अपने साथ बहला-फुसलाकर उसका अपहरण कर लिया और हरियाणा ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में खंडेला पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने न्यायालय विवेचना के माध्यम से मामला दर्ज कर आरोपी संदीप उर्फ मंजीत (25) निवासी भगोतीपुर जिला रोहतक हरियाणा को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया. मामले में 14 गवाह और 18 दस्तावेजी साक्ष्य अदालत में पेश किए गए। जिसके बाद आज आरोपी संदीप उर्फ मंजीत को 10 साल कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. लोक अभियोजक कैलाश दान कविया ने बताया कि मामले में तत्कालीन खंडेला थानाध्यक्ष शेर सिंह व खंडेला एसडीएम जयवीर सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश कोर्ट ने इसलिए दिया है क्योंकि पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म की बात जानने के बाद भी तत्काल मामला दर्ज नहीं किया. . वहीं एसडीएम जयवीर सिंह कलेर ने पुलिस या बाल कल्याण समिति से नाबालिग की काउंसलिंग नहीं कराई.
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