राजस्थान

जिले के 8 अस्पतालों में सोनोग्राफी की 10 मशीनें, विशेषज्ञ के अभाव में 7 बंद

Admin Delhi 1
22 May 2023 12:14 PM GMT
जिले के 8 अस्पतालों में सोनोग्राफी की 10 मशीनें, विशेषज्ञ के अभाव में 7 बंद
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उदयपुर न्यूज: स्त्री रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट व सोनोलॉजिस्ट जैसे योग्य चिकित्सकों के अभाव में जिले के सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीनें धूल फांक रही हैं. ऐसे में गर्भवती ग्रामीण महिलाओं को जिला मुख्यालय के अस्पतालों की ओर भागना पड़ता है, जहां 4 से 5 दिन के इंतजार के बाद जांच की जा रही है. जरूरत पड़ने पर गरीब ग्रामीणों को अपनी जेब से पैसे खर्च कर सोनोग्राफी करवानी पड़ती है। इससे जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पतालों में भी लोड बढ़ रहा है।

ने आम लोगों की समस्याओं से जुड़ी शिकायतों पर गौर किया तो यह बात सामने आई कि हाल ही में घोषित जिले सलूंबर में दो सोनोग्राफी मशीनें हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि खुद की मशीनें होने के बावजूद यहां के अनुमंडलीय अस्पताल को स्थानीय अस्पताल से गठजोड़ करना पड़ रहा है.

चिकित्सा विभाग सोनोग्राफी के बदले निजी अस्पताल को प्रति केस 250 रुपए भी दे रहा है। बता दें कि चिकित्सा विभाग के पास वर्तमान में 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व उप जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन है। इनमें से अभी तीन का ही उपयोग हो रहा है। शेष 7 मशीनें बेकार पड़ी हैं।

इधर, जिले की बात करें तो सरकारी संस्थानों सहित निजी क्लीनिकों में 70 से अधिक सोनोग्राफी मशीनें हैं। इनमें से 40 से ज्यादा शहर में हैं। विभाग के औसत आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में हर साल 80 हजार महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच होती है। ये टेस्ट पूरी डिलीवरी अवधि में तीन बार अनिवार्य रूप से किए जाते हैं।

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