कोचिंग सेंटर में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को सही करने के लिए है 10 लाख की जरूरत
जयपुर न्यूज़: आरयू के कोचिंग सेंटर में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, जिसे सही करने के लिए 10 लाख की जरूरत है। यह सेंटर आरयू में 44 साल से भारतीय प्रशासनिक सेवा भर्ती पूर्व प्रशिक्षण केंद्र (एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज प्री एंट्री ट्रेनिंग सेंटर) नाम से संचालित है, जिसने कई आईएएस और आरएएस दिए हैं, लेकिन प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स की तुलना में प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं होने के कारण नॉमिनल चार्ज होने के बावजूद छात्रों का रूझान इस सेंटर के लिए कम होता जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन अब एपीटीसी सेंटर को एमएसआर फंड के जरिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है।
युवाओं की प्रतिभा को निखारने का कार्य कर रहे:सन् 1978 से राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में संचालित एपीटीसी सेंटर युवाओं की प्रतिभा को निखारने का कार्य कर रहा है। एपीटीसी सेंटर युवाओं को एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के लिए तैयार कर रहा है। यहां आरएएस, आरजेएस की प्रिपरेशन के लिए छात्रों से महज 20 हजार, आईएएस प्री के लिए 25 हजार और नेट/सेट/जेआरएफ प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए 15 हजार का नॉमिनल शुल्क लिया जाता है। बीते 44 साल में इस सेंटर ने धीरज, शक्ति सिंह राठौड़, हरसहाय मीणा, रामअवतार गुर्जर, रघुवीर सैनी और डॉ. देवाराम जैसे कई दिग्गज आईएएस, आरएएस और आरपीएस अधिकारी दिए हैं, लेकिन 2010 के बाद प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स की तुलना में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी के चलते ये सेंटर पिछड़ता जा रहा है।
आरजेएस की प्रिपरेशन क्लासेस चल रही: एपीटीसी विभाग के निदेशक प्रो. राम सिंह चौहान ने बताया कि इस सेंटर को संचालित करने के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। वर्तमान में भी यहां आरजेएस की प्रिपरेशन क्लासेस चल रही है, लेकिन संसाधनों की कमी कहीं न कहीं आड़े आ रही है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिए करीब 10 लाख की जरूरत है। विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक प्रस्ताव बनाकर भी भेजा गया है, लेकिन इसे अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। एपीटीसी में युवाओं को पढ़ाने के लिए प्रमुख रूप से सेवानिवृत्त शिक्षक यहां आते हैं जिन्हें 500 रुपए मानदेय और 100 रुपए कन्वेंस चार्ज के रूप में दिया जाता है।