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राजस्थान के राजसमंद जिले में मंदिर की दीवार तोड़ने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध इसे गलत बताया और हंगामा किया। जिले के रेलमगरा में मंदिर 2 साल पहले बना था।
दरअसल, जिले के रेलमगरा में पंचमुखी हनुमान का मंदिर है। जिसका निर्माण दो साल पहले कराया गया था। शुक्रवार देर शाम प्रशासन ने मंदिर की दीवार को अतिक्रमण मानते हुए तोड़ दिया। हिंदू संगठनों का दावा है कि प्रशासन ने मंदिर परिसर के अंदर तोड़फोड़ की है। हलांकि, प्रशासनिक अधिकारी इसके गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर परिसर के अंदर तोड़फोड नहीं की गई है।
प्रशासन का कहना है कि कुछ लोग मंदिर की दीवार की आड़ में व्यवसायिक निर्माण करना चाहते थे। सूचना मिलने पर मंदिर के पास बिना अनुमति हो रहे निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन चारागाह में आती है, इस पर किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता।
इधर, मंदिर की दीवार तोड़ने के विरोध में हिंदू संठगन और भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष नूतन शर्मा ने मौके पर पहुंच कर विरोध किया। जिसके बाद पुलिस ने नूतन को हिरासत में ले लिया और थाने ले गई। सूचना लगते ही भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ थाने के बाहर पहुंची और हंगामा करने लगी। जिसके बाद पुलिस ने नूतन शर्मा को छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि मंदिर की दीवार तोड़ने के विरोध में अब कुछ ग्रामीण भी उतर आए हैं। उनका कहना है कि जल्द से जल्द मंदिर की दीवार का निर्माण कराया जाए।
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