पंजाब
महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त मजदूर वर्ग, दो वक्त की रोटी के भी पड़े लाले
Shantanu Roy
27 Oct 2022 5:10 PM GMT

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बड़ी खबर
गुरदासपुर। अवैध माइनिंग के नाम पर हर तरह की माइनिंग पर सरकार द्वारा शिकंजा कसने के बाद पहले से ही कामकाज ठप्प होने के कारण मजदूर वर्ग को अब दो वक्त की रोटी खाने के लिए भी लाले पड़े हुए है। अब जिस तरह से आए दिन पंजाब में महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके चलते मजदूर वर्ग के लिए दो वक्त की रोटी का प्रबंध करना भी कठिन हो गया है।
दिहाड़ी न लगने से बेकार बैठने को मजबूर हैं मजदूर
आज के समय की बात करें तो सरकार द्वारा अवैध माइनिंग पर शिकंजा कसने के बाद रेत के भाव आसमान को छू रहे हैं। इस कारण भवन निर्माण करवाना आम वर्ग के बस की बात नहीं रही है। रेत के रेट बढ़ने के साथ-साथ रेत के न मिलने के कारण हजारों की संख्या में स्थानीय लाइब्रेरी रोड पर पहुंचे मजदूर बेरोजगार हो सड़क या लेबर शैड में बैठ कर समय व्यतीत कर वापस घरों को चले जाते हैं। एक तरफ यहां मजदूर वर्ग दिहाड़ी से वंचित होकर रह गया है वहीं खाने वाले चीजों के भाव भी आसमान छूने के कारण मजदूर वर्ग को दोहरी मार पड़ रही है।
सब्जियों के भाव आसमान चढ़े
यदि इस समय सब्जियों के भाव की बात की जाए तो हरे मटर 120 रुपए किलो, टमाटर 40-45 रुपए, अदरक 50 रुपए, शिमला मिर्च 60 रुपए, गाजर 100 रुपए, हरी मिर्च 80 रुपए, प्याज 30 रुपए, आलू 25 रुपए किलो के हिसाब से बाजार में बिक रहे हैं। इस कारण मजदूर वर्ग के लिए ताजी सब्जी खरीद पाना भी बहुत मुश्किल हो गया है।
महंगाई ने रसोई का भी बिगाड़ा बजट
हैरानीजनक है कि महंगाई जंगल की आग की तरह लगातार मध्यम वर्गीय परिवारों के रसोई का बजट बिगाड़ रही है। सरकारें इस तरफ ध्यान नहीं दे रही हैं। प्राइवेट नौकरीपेशा परिवारों के लिए यह बहुत ही चुनौती वाला समय है कि वे अपने घर का खर्च कैसे चलाएं। महंगाई की मार कारण वर्तमान समय में अधिकतर परिवारों को अपने मासूम बच्चों की इच्छाओं का प्रतिदिन गला दबाना पड़ रहा है, जो केन्द्र व राज्य सरकार की नालायकी कही जा रही है।
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