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लुधियाना। पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में किसानों द्वारा पराली जलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं लें रहा जिससे वातावरण प्रदूषित होने लगा है। स्मॉग जैसे हालात पैदा होने लगे हैं। सूर्य देवता की चमक पराली के धुएं में गुम होने लगी है। इस तरह के हालात आज से कुछ वर्ष पहले भी पंजाब में पैदा हो चुके हैं। तब पंजाब में कई दिनों तक लोगों को सूर्य देवता के दर्शन नहीं हो पाए थे। बारिश की दस्तक से ही प्रदूषित वातावरण से निजात मिली थीं।
मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार इस समय अधिकतम तापमान का पारा 25 से 30 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम पारा 13 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने से सुबह व देर रात के समय सर्दी जोर पकड़ने लगी है जिससे बिजली की मांग में भी गिरावट देखने को मिल रही है। मौसम में तबदीली से ए.सी. कल्चरल तो लगभग खत्म हो चुका है। पंखों का इस्तेमाल भी पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। पराली को किसान आग न लगाएं, इसको लेकर पंजाब सरकार समेत संबंधित विभागों का पूरा जोर लगा हुआ है। इसी बीच पंजाब सरकार ने दिल्ली सरकार के साथ देश व पंजाब की जनता को यह विश्वास दिलाया है कि अगले सीजन तक पराली की समस्या का समाधान हो जाएगा। मौसम माहिरों ने इस बात की संभावना जताई है कि आने वाले 1-2 दिनों में पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो सकती है। इससे वातावरण में शुद्धता के साथ सर्दी अपने रंग में आ जाएगी।
Admin4
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