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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के ए.आई.जी. मनमोहन कुमार को 50 लाख रुपए की रिश्वत देने के मामले में विजिलेंस अभी भी आगे नहीं बढ़ पाई है। विजिलेंस के लिए यह पहेली बनी हुई है कि सुंदर शाम अरोड़ा के पास मिले 50 लाख रुपए का सोर्स क्या है, क्योंकि जिस बिल्डर की गाड़ी लेकर सुंदर शाम अरोड़ा रिश्वत देने जीरकपुर पहुंचे थे, वह विजिलेंस की ओर से बुलाए जाने पर भी नहीं आया। अब विजिलेंस ब्यूरो ने उक्त बिल्डर को वीरवार को पेश होने के लिए लिखित नोटिस भेजा है।
विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व कांग्रेस मंत्री व भाजपा नेता सुंदर शाम अरोड़ा से 50 लाख रुपए की राशि के बारे में पूछताछ की। विजिलेंस अधिकारियों ने अरोड़ा से पूछा कि क्या उन्हें बिल्डर ने उपरोक्त राशि उपलब्ध करवाई है लेकिन सुंदर शाम अरोड़ा लगातार इसी बात पर अड़े हुए हैं कि 50 लाख रुपए उनकी अपनी मेहनत की कमाई का हिस्सा है, जोकि उन्होंने अपने नए घर की कंस्ट्रक्शन के लिए रखे हुए थे। यह भी पता चला है कि विजिलेंस की एक टीम की ओर से मंगलवार को फिर से सुंदर शाम अरोड़ा की होशियारपुर स्थित रिहायश पर छानबीन की गई है और विजिलेंस की टीम की ओर से कैश काउंटिंग मशीन को ब्यूरो हेडक्वार्टर लाया गया है। विजिलेंस अब अरोड़ा के बैंक खातों से निकाली गई नकदी को लेकर जांच करेगी और देखेगी कि क्या उपरोक्त राशि बैंक खाते से निकलवाई गई है या नहीं।
ट्राईसिटी का बिल्डर भी नहीं पहुंचा, अब लिखती नोटिस भेजकर वीरवार को बुलाया
विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक ट्राईसिटी के बड़े बिल्डर को सुंदर शाम अरोड़ा की गिरफ्तारी के संबंध में कुछ सवालों के जवाब देने के लिए बुलाया गया था। यह बुलावा जुबानी तौर पर ही था, लेकिन उक्त रियल अस्टेट कारोबारी विजिलेंस ब्यूरो हैडक्वार्टर नहीं पहुंचा। सूत्रों का कहना है कि आज विजिलेंस अधिकारियों की ओर से मामले की गंभीरता को बताते हुए उक्त रियल अस्टेट कारोबारी को हर हाल में वीरवार को विजिलेंस टीम के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि अपने खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच में सहायता के लिए कथित तौर पर पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने ए.आई.जी. मनमोहन कुमार को एक करोड़ रुपए की रिश्वत देने की ऑफर की गई थी। इसकी पहली किस्त के तौर पर 50 लाख रुपए देने के लिए अरोड़ा जिस कार में सवार होकर मनमोहन के पास पहुंचे थे, वह कार रियल अस्टेट कारोबारी की थी। इसी आधार पर विजिलेंस उक्त कारोबारी को बुलाकर पूछताछ करना चाह रही है और यह संदेह भी दूर करना चाहती है कि कहीं उक्त 50 लाख रुपए उक्त कारोबारी ने ही तो नहीं प्रोवाइड करवाए थे। विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि अभी पूर्व मंत्री के अन्य केसों को लेकर भी जांच का कार्य अधूरा पड़ा है। उन केसों को लेकर भी कागजात इकट्ठे किए जा रहे हैं। इसमें एक केस आय की तुलना में अधिक सम्पत्ति बनाने का है। इसी तरह से अरोड़ा द्वारा उद्योग मंत्री रहते हुए एक कार्पोरेशन की जमीन को लेकर भी जांच का कार्य चल रहा है।
Admin4
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