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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि राज्य में आगामी खरीफ की फ़सल के सीजऩ के दौरान धान की निर्विघ्न बिजाई को सुनिश्चित बनाने के लिए पुख़्ता तैयारियाँ की गई हैं। एक वीडियो संदेश के द्वारा मुख्यमंत्री ने कहा कि दो बार हो चुकीं विशाल सरकार-किसान मिलनियों के दौरान किसानों से मिले सुझावों के अनुसार पंजाब सरकार ने राज्य भर में धान की बिजाई चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फ़ैसला किया। उन्होंने बताया कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में धान की बिजाई 10 जून, 16 जून, 19 जून और 21 जून को शुरू होगी। भगवंत मान ने कहा कि बिजाई की चरणबद्ध विधि को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए राज्य को चार ज़ोनों में बाँटा गया है।
अधिक जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धान लगाने के लिए निर्विघ्न सिंचाई सुनिश्चित बनाने के लिए पहले पड़ाव में अंतरराष्ट्रीय सरहद पर कँटीली तार से अगली तरफ़ के क्षेत्रों में धान की बिजाई का काम 10 जून से शुरू हो जाएगा, जिसके लिए निरंतर बिजली आपूर्ति मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दूसरे पड़ाव में सात जि़लों फिऱोज़पुर, फरीदकोट, पठानकोट, श्री फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, एस.बी.एस. नगर और तरन तारन में 16 जून से निर्विघ्न बिजली आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाएगी। भगवंत मान ने बताया कि तीसरे पड़ाव के अंतर्गत सात जि़लों रूपनगर, एस.ए.एस. नगर, कपूरथला, लुधियाना, फाजि़ल्का, बठिंडा और अमृतसर में 19 जून से धान की फ़सल लगाना सुनिश्चित बनाया जाएगा, जबकि बाकी के 9 जि़लों पटियाला, जालंधर, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, होशियारपुर, संगरूर, मलेरकोटला, बरनाला और मानसा में धान की बिजाई 21 जून से शुरू होगी, जिसके लिए निर्विघ्न बिजली आपूर्ति मुहैया करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि पंजाब के बहुमूल्य भूजल को बचाने के लिए राज्य भर में धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) की तकनीक के लिए बिजली की आपूर्ति 20 मई से शुरू हो जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि धान की चरणबद्ध तरीके से बिजाई के लिए राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वह इन तरीकों को अपनाए बिना धान की फ़सल लगाने से गुरेज़ करें। भगवंत मान ने कहा कि किसानों को धान की पनीरी बीजने और सब्जियों समेत सिंचाई की आम ज़रूरतों के लिए चार घंटे बिजली आपूर्ति दी जाएगी।
धान के सीजन के दौरान किसानों को निर्विघ्न बिजली मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम आठ घंटे निर्विघ्न बिजली आपूर्ति हर हाल में सुनिश्चित बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी पुख़्ता प्रबंध किए गए हैं और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि पिछले साल की तरह धान के आने वाले सीजन के दौरान भी किसानों को पानी की उचित सप्लाई मिलेगी और बिजली देने के लिए राज्य सरकार के पास कोयले का 45 दिनों का भंडार मौजूद है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि तेज़ी से घट रहे पानी के स्तर को प्रभावशाली ढंग से रोकने के लिए राज्य सरकार मौजूदा खरीफ की फ़सल के सीजन के दौरान धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) की तकनीक को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह उपयुक्त अवसर है कि पूसा किस्म के धान की बिजाई से गुरेज़ किया जाए और पर्यावरण समर्थकीय और आर्थिक रूप से व्यावहारिक सीधी बिजाई की तकनीक को बड़े स्तर पर अपनाया जाए, जोकि भूजल को 15-20 प्रतिशत तक बचाने के साथ-साथ 10-15 प्रतिशत तक भूजल को रिचार्ज करने में भी सहायक होगा। इसके अलावा मज़दूरी समेत अन्य लागतों पर 3000 प्रति एकड़ की बचत भी होगी। भगवंत मान ने कहा कि डी.एस.आर. तकनीक का चयन करने वाले किसानों को सम्मान राशि के तौर पर राज्य सरकार द्वारा प्रति एकड़ 1500 रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा सिफ़ारिश की गई धान की पी.आर. किस्में को ही अपनानी चाहिए।
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