जल सप्लाई एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने लिया ये बड़ा फैसला
चंडीगढ़। जल सप्लाई एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने कहा है कि राज्य में बेहतर जल प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए इज़राइल के साथ रणनीतिक सांझेदारी वाली बनाएगी। सस्ती और टिकाऊ जल सप्लाई और सीवरेज के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए इजराइली तकनीक और स्वदेशी अविष्कार का प्रभावी ढंग से उपयोग करेगी।
यहां पंजाब भवन में शुक्रवार को इज़राइल दूतावास के वॉटर अटैच डा. लियोर आसफ, इंटरनेशनल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमएएसएचएवी), इज़राइल दूतावास के सीनियर जलस्रोत विशेषज्ञ नीरज गहिलवत और थापर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डा. अमित धीर के साथ गोलमेज बैठक की।
इस दौरान ब्रम शंकर जिंपा ने पानी और गंदे पानी की चुनौतियों से निपटने और भारत की सहायता के लिए इज़राइल द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की। सरकार राज्य में गिरते भूजल स्तर को लेकर बहुत चिंतित है। ग्रामीण इलाकों के तालाबों के पानी की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले 35-40 वर्षों के दौरान गांवों में भूजल की उपलब्धता में काफी कमी आई है।
इस अवसर पर उन्होंने होशियारपुर में वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने का अपना अनुभव भी सांझा किया। जहां गंदे पानी को साफ करके भंडारण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। डा. लियोर आसफ ने नई तकनीकों को अपनाने में पंजाब राज्य के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि इजराइल के जल संसाधनों का लगभग आधा पानी समुद्री के साफ़ किए पानी, रिसाइकिल पानी और रिचार्ज किए गए पानी से आता है। जबकि 1980 तक देश प्राकृतिक जल के उपयोग पर ही निर्भर था। इजराइल ने ऐसी तकनीक विकसित की हैं जो 90 फीसदी गंदे पानी को फिर से इस्तेमाल में ला सकता है। हर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कृषि भूमि के पास विकसित किया गया है ताकि इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सके।
इस अवसर पर बोलते हुए जल सप्लाई और स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव डीके तिवारी ने गंदे पानी के पुन: उपयोग के लिए कम लागत वाले तकनीकी समाधान के लिए इज़राइल से विचार मांगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नहरी पानी का इस्तेमाल बढ़ाकर जलवायु अनुकूल ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं विकसित कर रही है।
विभिन्न तकनीकों के संयोजन के आधार पर बुनियादी ढांचे का उपयोग करके 24x7 पानी की सप्लाई, स्वच्छता सुविधाओं के साथ 500 स्मार्ट गांव विकसित करना है। विभाग 1,300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ब्लॉक-स्तरीय प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन यूनिट और मटीरियल रिकवरी सुविधाओं, माडल बायो-गैस प्लांट, फेकल संसद ट्रीटमेंट प्लांट आदि की स्थापना करके गंदे पानी और ठोस वेस्ट का प्रबंधन भी कर रहा है।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।