पंजाब

जल स्रोत विभाग फिर से विवादों में, 5 हफ्तों में 2 बार टूटी सरहिंद फीडर नहर, विजिलेंस ने लिया यह एक्शन

Renuka Sahu
1 Sep 2022 5:47 AM GMT
Water Resources Department again in dispute, Sirhind feeder canal broken twice in 5 weeks, Vigilance took this action
x

फाइल फोटो 

जल स्रोत विभाग फिर से विवादों में है। 625 करोड़ के खर्च से मुरम्मत हुई और 2 बार टूटी सरहिंद फीडर के मामले में जल स्रोत के 3 इंजीनियरों को चार्जशीट किया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जल स्रोत विभाग फिर से विवादों में है। 625 करोड़ के खर्च से मुरम्मत हुई और 2 बार टूटी सरहिंद फीडर के मामले में जल स्रोत के 3 इंजीनियरों को चार्जशीट किया गया है। मुरम्मत होने के बाद यह नहर इसी वर्ष एक अप्रैल को टूटी जिसे 15 दिन में ठीक कर दिया गया परन्तु उसी स्थान से नहर 5 सप्ताह उपरांत फिर टूट गई थी। जल स्रोत विभाग के प्रिंसिपल सचिव कृष्ण कुमार ने इस मामले की जांच के आदेश विभाग के ही विजिलैंस विंग को दिए थे। इसकी रिपोर्ट में कार्यकारी इंजीनियर, उप मंडल इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर पर अपने कर्तव्य में विफल रहने का आरोप लगा है जबकि रिपोर्ट में ठेकेदार पर भी खराब कारीगरी से निर्माण का आरोप लगाया गया है।

करोड़ों की लागत से रीलाइनिंग की गई सरहिंद फीडर एक अप्रैल को जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांव थांदेवाला के पास टूट गई थी। इस नहर को 15 दिन में ठीक कर दिया गया था परन्तु 5 सप्ताह बाद ही यह नहर फिर से उसी स्थान से टूट गई। इस नहर के टूटने से जहां आस-पास के गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया, वहीं कपास के सीजन में किसानों को पानी का संकट भी सताने लगा।
इसी तरह मुक्तसर और फाजिल्का जिले में भी पीने वाले पानी और सिंचाई वाले जल का संकट पैदा हो गया। साथ लगती राजस्थान फीडर की रीलाइनिंग का काम चल रहा था परन्तु सरहिंद फीडर के राजस्थान फीडर में टूटने से इसमें रीलाइनिंग के लिए लगाई गई मशीनें पानी में डूबने से क्षतिग्रस्त हो गईं। इससे करोड़ों रुपए का नुक्सान हुआ। बार-बार नहर टूटने को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक यह मुद्दा गूंजा।
विभाग के प्रिंसिपल सचिव के रहनुमाई में तकनीकी माहिरों की एक टीम ने सरहिंद फीडर का दौरा किया। तब विभाग के प्रिंसिपल सचिव ने सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (एस.ई.) को निलंबित कर दिया और फिर नहर टूटने के मामले की जांच विभाग के विजिलेंस विंग को सौंप दी। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट में कहा कि दिसम्बर 2021 में उन्होंने नहर के बैड पर खामियां पाई थीं। इन खामियों को ठीक करने के लिए कहा था जबकि ठेकेदार ने बैड फिर से बनाने में लापरवाही बरती और तभी से नहर से पानी की लीकेज शुरू हो गई थी। रिपोर्ट के अनुसार सरहिंद फीडर की पहली दरार में विभाग के फील्ड स्टाफ और ठेकेदार दोनों की लापरवाही थी। जबकि दूसरी बार टूटी नहर को भरने में इसलिए जल्दबाजी की गई क्योंकि किसानों का जल्द पानी की सप्लाई छोड़ने का दबाव था। नहर के निर्माण में इस्तेमाल सामग्री तो ठीक थी परन्तु निर्माण में ठेकेदार ने लापरवाही बरती।
और ये भी पढ़े
PGI में पहली बार रोबोटिक सर्जरी, 47 वर्षीय दिल के मरीज में डाला स्टंट
PGI में पहली बार रोबोटिक सर्जरी, 47 वर्षीय दिल के मरीज में डाला स्टंट
अपनों ने 9 साल की बच्ची से पार की बेशर्मी की सारी हदें, घिनौने सच ने मां के उड़ाए होश
अपनों ने 9 साल की बच्ची से पार की बेशर्मी की सारी हदें, घिनौने सच ने मां के उड़ाए होश
पंजाब सरकार की इस नई पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
पंजाब सरकार की इस नई पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
रिपोर्ट में राजस्थान फीडर के कार्यकारी इंजीनियर सुखजीत सिंह रंधावा, उप मंडल इंजीनियर तलविंदर कौर और जूनियर इंजीनियर हरजिंदर सिंह और ठेकेदार एजैंसी जे.डी. कंस्ट्रक्शन को अपने कर्तव्य में विफल रहने का आरोपी पाया गया है। इसी प्रकार ईस्टर्न कैनाल डिवीजन, फिरोजपुर के कार्यकारी इंजीनियर यादविंदर सिंह, उप मंडल इंजीनियर नवनीत गुप्ता और जूनियर इंजीनियर जसप्रीत सिंह और ठेकेदार बलबीर सिंह को इस मामले में दोषी पाया गया है। सभी अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है और उनके विरुद्ध उच्च स्तरीय कार्रवाई होने के संकेत हैं।
Next Story