
न्यूज़क्रेडिट;अमरउजाला
पंजाब की पटियाला जेल में बंद नवजोत सिंह सिद्धू को सोमवार सुबह जेल से बाहर लाया गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस का काफिला राघोमाजरा इलाके में पहुंचा। वाकया सुबह करीब 10 बजे का है। नवजोत सिंह सिद्धू कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वहां पर करीब घंटा भर रुके। इसके बाद उन्हें वापस जेल ले जाया गया। दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू को दांतों में अचानक तकलीफ हुई। इसके बाद उन्हें राघोमाजरा में एक निजी चिकित्सक के यहां दिखाया गया।
सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने इसकी पुष्टि की और बताया कि उन्हें पिछले कुछ समय से दांतों से खाने-पीने में तकलीफ है। इस संबंध में उनका पहले से ही उक्त निजी दांतों के डॉक्टर के पास इलाज चल रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को सिद्धू जांच करवाने डॉक्टर के पास पहुंचे थे। वकील वर्मा ने कहा कि सिद्धू जेल में पूरी तरह से चड़दी कला में हैं।
सेहत संबंधी जो समस्याएं चल रही हैं, उनका इलाज जारी है। इसके अलावा उन्हें जेल में अन्य कोई दिक्कत नहीं है। गौरतलब है कि सिद्धू को लीवर की बीमारी है, जिस कारण उनका पीजीआई चंडीगढ़ से इलाज चल रहा है। इस बीमारी के चलते ही उन्हें विशेष आहार भी दिया जा रहा है।
नवजोत सिंह सिद्धू 34 साल पुराने रोड रेज मामले में पटियाला केंद्रीय जेल में बंद हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने एक वर्ष की सजा सुनाई है। यहां उन्हें क्लर्क का काम मिला है। सुप्रीम कोर्ट के सजा सुनाने के बाद सिद्धू ने 20 मई को पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तब से वह पटियाला जेल की बैरक नंबर 10 में बंद हैं। इसी जेल में अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और पंजाबी गायक दलेर मेहंदी भी बंद हैं।
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरवाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे। मार्केट में पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। इस दौरान सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
