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चंडीगढ़। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम जालंधर में तैनात आर्कीटैक्ट को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के मकसद से मैक्स एसोसिएट्स, रामा मंडी, जालंधर के मालिक आर्कीटैक्ट राजविन्दर सिंह को नगर निगम जालंधर के कर्मचारियों के साथ मिलीभुगत के द्वारा जमीन के प्रयोग में बदलाव (सी.एल.यू.) सर्टिफिकेट जारी करवाने के बदले 60,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है। इस मामले में नगर निगम जालंधर में बिल्डिंग इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात आर्कीटैक्ट के एक मध्यस्थ सुखविन्दर शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है। आर्कीटैक्ट का दूसरा साथी वरुण, जोकि नगर निगम जालंधर का ड्राफ्ट्समैन और बिल्डिंग इंस्पेक्टर (अतिरिक्त प्रभार) है अभी भी फरार है, जिसको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त आर्कीटैक्ट को तरुणवीर सिंह निवासी मास्टर तारा सिंह नगर, जालंधर की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो से सम्पर्क कर दोष लगाया है कि आर्कीटैक्ट ने उपरोक्त नगर निगम के कर्मचारियों के साथ मिलीभुगत करके उसके 2 प्लॉटों की फाइलों का निपटारा करवाने के लिए सी.एल.यू. सर्टिफिकेट जारी करने के बदले उससे 5 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की है, जबकि वह उक्त प्लॉट पर एक चैरिटेबल अस्पताल बनाना चाहता है।
उन्होंने आगे बताया कि उक्त दोषी आर्कीटैक्ट ने उक्त काम के लिए दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टरों, वरुण और सुखविन्दर कुमार, के लिए क्रमवार 50,000 रुपए और 15,000 रुपए की मांग की है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि वह उक्त आर्कीटैक्ट उसके पास से पहली किस्त के तौर पर 5000 रुपए की रिश्वत ले चुका है। इस शिकायत की प्राथमिक तफ्तीश करने के उपरांत जालंधर यूनिट की विजीलैंस टीम ने जाल बिछाया और आरोपी आर्कीटैक्ट को 2 सरकारी गवाहों की उपस्थिति में नगर निगम के अधिकारियों के खातिर दूसरी किस्त के तौर पर 60,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू कर लिया गया।
विजिलेंस के प्रवक्ता ने आगे बताया कि उक्त आर्कीटैक्ट की गिरफ्तारी के बाद विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने इस मामले में सह आरोपी के तौर पर साजिशकर्ता नगर निगम जालंधर के बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुखविन्दर शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में फरार आरोपी वरुण को गिरफ्तार करने के लिए टीमें गठित की गई हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ विजीलैंस ब्यूरो के थाना जालंधर रेंज में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जांच के दौरान सभी आरोपियों के आम लोगों से रिश्वत लेने के ढंग की भी जांच की जाएगी।
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