न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
यमुनानगर जिले में पशुपालन विभाग लिंपी वायरस के लक्षणों वाले 2000 केस ट्रेस कर चुका है। इतने अधिक गोवंश व अन्य पशुओं में वायरस के लक्षण मिलने पर विभाग की चिंता बढ़ गई है। अलर्ट मोड पर 25 विभागीय टीमें गठित कर दी गई हैं।
पशुओं में लंपी स्किन वायरस पंजाब, राजस्थान के बाद हरियाणा में दस्तक दे चुका है। जिसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। पशुपालक सावधानी बरतें। बहरहाल प्रदेश के कई जिलों में लंपी रोग के लक्षण मिलने पर अब तक हजारों की संख्या में पशुओं के सैंपल लिए गए हैं लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
रोहतक, सोनीपत, झज्जर-बहादुरगढ़, जींद, रेवाड़ी और नारनौल में फिलहाल किसी गोवंश में कोई भी केस नहीं मिला है। पशु चिकित्सकों ने पशुपालकों को पशुओं पर मच्छरदानी के प्रयोग की सलाह दी है। पशुपालन विभाग की ओर से जिलों की पशु मंडियों को बंद करने के साथ ही पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है।
यमुनानगर: दो हजार पशुओं में दिखे लक्षण, चिंता बढ़ी
यमुनानगर जिले में पशुपालन विभाग लिंपी वायरस के लक्षणों वाले 2000 केस ट्रेस कर चुका है। इतने अधिक गोवंश व अन्य पशुओं में वायरस के लक्षण मिलने पर विभाग की चिंता बढ़ गई है। अलर्ट मोड पर 25 विभागीय टीमें गठित कर दी गई हैं।
अंबाला: 200 पशुओं में दिखे लक्षण
अंबाला जिले में 200 से अधिक पशुओं में लक्षण मिले हैं। अभी किसी की मौत नहीं हुई। लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए पशु चिकित्सकों को सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं। कैथल में 15 सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं, जिनकी रिपोर्ट भोपाल से आनी है।
फतेहाबाद में 32 पशुओं को किया चिह्नित
फतेहाबाद में पशुपालन विभाग 32 पशुओं को चिह्नित कर चुका है। रतिया में दो गोवंश का इलाज प्रारंभ हो गया है। वहीं, सिरसा जिले के गोशाला मंडी डबवाली में 100 से अधिक गोवंशों में लंपी वायरस के लक्षण नजर आए। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुखविंद्र सिंह का कहना है कि इस रोग में मृत्यु दर बेहद कम है, इसलिए पशुपालकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
दूध को गर्म कर करें सेवन
अंबाला पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. प्रेम सिंह ने बताया कि यह संक्रमण गाय से दूध में आ सकता है। जब भी दूध का सेवन करें तो उसको पहले अच्छी तरह से उबाल लें। दूध गर्म करने से संक्रमण खत्म हो जाएगा।
पशुओं के शरीर पर बड़ी-बड़ी गांठें बनना, तापमान बढ़ना, चारा खाने में दिक्कत आना आदि हैं।
ये हैं बचाव के उपाय
पशुओं में लंपी स्किन वायरस के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी पशु अस्पताल ले जाएं
संक्रमित पशु तथा उनसे संबंधित सामान तुरंत बाकी पशुओं से अलग करें
यह रोग ज्यादा मच्छर-मक्खियों के एकत्रित होने से पशुओं को लग जाता है। इनसे बचाव के लिए मच्छरदानी लगाएं