पंजाब

चिकन से भी महंगी हुई सब्जियां, रसोई का बजट हुआ तहस-नहस

Shantanu Roy
27 Oct 2022 5:16 PM GMT
चिकन से भी महंगी हुई सब्जियां, रसोई का बजट हुआ तहस-नहस
x
बड़ी खबर
लुधियाना। चिकन मीट से भी महंगी सब्जियों ने खासकर शाकाहारियों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है, जिससे शहरवासियों को परेशानी हो रही है। ज्यादातर परिवारों में जहां कुछ सदस्य शाकाहारी होते हैं तो कुछ चिकन और मछली खाने के भी शौकीन होते हैं। ऐसे में उक्त परिवारों में बहस शुरू हो गई है कि क्यों न महंगी सब्जियां खाने की बजाय सस्ते चिकन का स्वाद चखा जाए। यहां यह बताना जरूरी है कि इस समय कई सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं, जिनमें मुख्य रूप से मटर भी शामिल है, जो थोक बाजार में 120 रुपए और रेहड़ी-पटरी वालों से 200 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। हालांकि इससे पहले कई बार प्याज की ऊंची कीमत को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शन किया गया था, लेकिन वर्तमान समय में बढ़ती कीमतों के कारण हर वर्ग का घरेलू बजट तहस नहस हो गया है और किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने मीडिया पर बयान या विरोध प्रदर्शन नहीं किया है। अब अगर बात करें महानगर की थोक सब्जी मंडी में थोक भाव पर बिकने वाली सब्जियों की तो मटर, टमाटर, अदरक, शिमला मिर्च और ब्रोकली (विदेशी पत्ता गोभी) का स्वाद चखना आम आदमी की पहुंच से बाहर साबित हो गया। ऐसे में उक्त सब्जियों के महंगे होने से शहर के मुख्य बाजारों में दुकानों व गलियों में पहुंचने वाली सब्जियां गलियों से गायब हो गई हैं।
थोक बाजार में सब्जियों के भाव
मटर- 120 रुपए प्रति किलो
टमाटर- 45 रुपए प्रति किलो
अदरक- 50 रुपए प्रति किलो
शिमला मिर्च- 60 रुपए प्रति किलो
फ्रेंच बीन- 50 रुपए प्रति किलो
हरी मिर्च- 35 रुपए प्रति किलो
हैरानीजनक है कि महंगाई जंगल की आग जैसे मध्यमवर्गीय परिवारों के रसोई बजट को लगातार नष्ट कर रही है और सरकारें कोई ध्यान नहीं दे रही हैं। निजी नौकरी पेशा परिवारों के लिए अपने घरेलू खर्चों का प्रबंधन करने के लिए यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय है। महंगाई के कारण अधिकांश परिवारों को हर दिन अपने और अपने मासूम बच्चों की इच्छाओं का गला घोंटना पड़ रहा है, जिसे केंद्र और राज्य सरकारों की एक बड़ी नलायकी कहा जा सकता है।
Next Story