हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक जनहित पटीशनको पंजाब के जवाब के बाद बैंच ने खारिज कर दिया है। चंडीगढ़ के एक निजी विश्वविद्यालय में छात्राओं के अश्लील वीडियो लीक होने और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रा की पहचान, नाम, पता और वीडियो सार्वजनिक किए जाने के मद्देनजर एक चैरिटेबल ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय की स्थापना कर भारी वित्तीय लाभ कमाने के लिए सी.बी.आई. या एन.ए.आई. से पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्टमें पटीशन दायर की थी। पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए एस.आई.टी. का गठन किया गया है, जो मामले की जांच कर रही है। कोर्ट ने याचिका वापस लेने की इजाजत देते हुए खारिज करने की बात कही, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी द्वारा दायर उक्त जनहित याचिका में कहा गया कि उक्त घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन स्थिति को संभालने में विफल रहा, जिसके कारण छात्र सड़कों पर आ गए और उन पर लाठीचार्ज किया गया। याचिका में कहा गया है कि छात्रा के अश्लील एमएमएस के लीक होने के बाद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अश्लील वीडियो से छात्रा की पहचान सार्वजनिक की, इतना ही नहीं, उसका पता और नाम भी सार्वजनिक किया, जो इस श्रेणी में अपराध आता है।