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पंजाब पुलिस बीते कुछ समय से लगातार सुर्खियों में रह रही है, ऐसा ही एक और मामला अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। दो युवकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि उनसे खाली कागजों पर दस्तखत करवाए गए थे और बाद में इन्हीं के आधार पर एसपी पंजाब ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (पीबीआई) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं को प्रोटेक्शन होम भेजने का चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते संगरूर निवासी हसनदीप सिंह व कृपाल सिंह ने बताया कि एक महिला की आग लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में महिला की शिकायत पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। बाद में महिला की मौत हो गई थी जिसके बाद हत्या के प्रयास की धाराओं के स्थान पर हत्या का मामला दर्ज हुआ।
महिला के ससुराल वालों के निवेदन पर अलग से जांच हुई और एसपी (पीबीआई) करणवीर सिंह ने अपनी जांच में ससुराल वालों को निर्दोष पाया। इसके बाद मार्च 2022 में सरकार बदली और संगरूर में नए एसएसपी आ गए। नए एसएसपी की एसपी (पीबीआई) के साथ दुश्मनी थी। दुश्मनी को निकालने के लिए याचिकाकर्ताओं का इस्तेमाल किया गया
आग लगने से जिस महिला की मौत हुई थी याचिकाकर्ता उसके ससुराल वालों के रिश्तेदार थे। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को सीआईए स्टाफ थाने में बुलाया गया। इस दौरान दोनों को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इस दौरान कुछ खाली पन्नों पर उनके दस्तखत भी लिए गए। 9 मई को याचिकाकर्ताओं को पता चला कि उन कागजों के सहारे एसपी (पीबीआई) करणवीर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
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