पंजाब

चंडीगढ़ में जल्द शुरू होगा आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज

Ritisha Jaiswal
4 Aug 2022 10:53 AM GMT
चंडीगढ़ में जल्द शुरू होगा आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज
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पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजाब के मरीजों का इलाज बंद करने के बाद राज्य के वित्त विभाग ने पीजीआईएमईआर और अन्य सरकारी अस्पतालों के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं

पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजाब के मरीजों का इलाज बंद करने के बाद राज्य के वित्त विभाग ने पीजीआईएमईआर और अन्य सरकारी अस्पतालों के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. जिन्हें आज गुरुवार को उक्त संस्थानों को जारी कर दिया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि यह राशि जारी होने के बाद संस्थानों को तीन या चार दिनों में पहुंचेगी.

इस मामले को लेकर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विभाग ने चंडीगढ़ में पीजीआईएम (PGIMER) और अन्य सरकारी अस्पतालों के लंबित बकाए के भुगतान के लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है. पिछली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले साल दिसंबर में बीमा योजना को रोक दिया था. वित्त विभाग ने सैद्धांतिक रूप से 300 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. जो आयुष्मान योजना के तहत लंबित हैं. स्वास्थ्य विभाग आज गुरुवार को 100 करोड़ रुपये जारी करेगा. इसके बाद यह पीजीआई और सरकारी अस्पतालों को बकाया राशि जारी करना शुरू कर देगा.
दो से तीन दिनों में मिलेगा फंड
प्रमुख स्वास्थ्य सचिव अजय शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों को दो से तीन दिनों में फंड मिल जाएगा. हालांकि, राशि के निपटान में कुछ समय लगेगा. हम उसी अनुपात में भुगतान करना शुरू करेंगे जिससे योजना शुरू की जा सके. इस बीच PGIMER ने स्पष्ट किया कि संस्थान को पंजाब के लाभार्थियों को योजना के लाभ को रोकने के लिए विवश किया गया था क्योंकि लंबित दावे 15 करोड़ रुपये से अधिक थे. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य के मरीज 1 अगस्त से प्रभावी होने पर उपयोगकर्ता शुल्क या अन्य लागू कल्याण योजनाओं के तहत संस्थान में इलाज की तलाश जारी रख सकते हैं.
बार-बार PGIMER ने कराया था अवगत
संस्थान ने यह भी स्पष्ट किया है कि 1 अप्रैल, 13 मई और 7 जून को बार-बार इस मामले को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, पंजाब और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के संज्ञान में लाने के बाद पंजाब के रोगियों के लिए योजना के तहत इलाज रोकने का निर्णय लागू हुआ है. संस्थान ने कहा कि बाद में यह मामला वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के ध्यान में लाया गया. PGIMER के मुताबिक वह रोगी देखभाल को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और योग्य मामलों में मुफ्त उपचार प्रदान करता है.

विपक्ष ने उठाए सरकार पर सवाल
उधर सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि सरकार की गलत प्राथमिकताओं ने उन गरीबों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है जो अपनी स्वास्थ्य सेवा के लिए भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं. शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि यह चौंकाने वाला है कि मरीजों को PGIMER और जीएमसीएच से दूर किया जा रहा है. क्योंकि आप सरकार बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रही है.


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