पंजाब

चंडीगढ़ के तीन युवा बने असली दानवीर, 11 लोगों को अंगदान कर दी नयी ज़िंदगी

Rani Sahu
9 Dec 2022 10:29 AM GMT
चंडीगढ़ के तीन युवा बने असली दानवीर, 11 लोगों को अंगदान कर दी नयी ज़िंदगी
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पंचकूला के रहने 22 साल के नमन का दिल अब चंडीगढ़ से 2500 किलोमीटर दूर चेन्नई में रहने वाली गंभीर रुप से बीमार एक 13 साल की किशोरी के अंदर धड़केगा। नमन के हार्ट को बदलने की कोशिश की जा रही थी। उनके हार्ट को मंगलवार दोपहर 3:25 बजे पर विस्तारा एयरलाइन्स की फ्लाइट के माध्यम से चेन्नई रवाना कर दिया गया। दिल को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 22 मिनट में ही PGI से एयरपोर्ट भेजा गया था। रात के करीब 8:30 बजे चेन्नई में फ्लाइट लैंड हुई। जिसके बाद दिल को MGM Health Care Hospital ले जाया गया।
डॉक्टरों ने बताया की नमन का हार्ट एक 13 वर्षीय किशोरी को दिया गया, जिसकी हालत काफी गंभीर थी। उससे ट्रांसप्लांट किया गया है। जो चेन्नई की रहने वाली है। इसके अलावा बताया गया की नमन के साथ- साथ 3 अन्य युवाओं के अंगों को भी ट्रांसप्लांट किया गया है। जिसमें से एक हार्ट, 6 किडनी , 4 कॉर्निया के अलावा अन्य अंग भी शामिल हैं।
नमन सहित बाकी तीन युवाओं के अंग दान से 11 लोगों को नया जीवन मिला है। यह ट्रांसप्लांट PGI में गुरुवार को किया गया। जिसमें SBS नगर के रहने वाले 20 साल के अमनदीप सिंह और पटियाला के बलिंदर सिंह के अंगों को ट्रांसप्लांट किया है।
बता दें की अमनदीप सिंह के गुर्दे दो मरीजों को ट्रांसप्लांट किये गये , वहीं बलिंदर सिंह के अंगों से गुर्दों के दो मरीज़ों को नया जीवन मिला। केवल अकेले नमन के ही अंगों से पांच रोगियों की जान बचाई गयी।
किसी जानवर से टकरा कर घायल हुआ था नमन
नमन, 22 नवंबर को गाड़ी से जाते वक्त किसी जानवर के सामने आ जाने से नमन का स्कूटर उससे टकरा गया था। जिसकी वजह से उसके सिर में गंभीर चोट आ गयी थी। जिसके बाद नमन को जल्द से जल्द PGI में ले जाया गया। करीबन दो हफ्ते नमन का इलाज चला जिसके बाद 5 दिसंबर को डॉक्टर्स ने उसके ब्रेन को डेड घोषित कर दिया। इसके बाद शौक में डूबे नमन के माता- पिता ने बेटे के अंग दान का कठिन निर्णय लिया।
बाइक के फिसल जाने से आई थी अनमदीप को गंभीर चोट
22 नवंबर को पंजाब के एक गांव लोधीपुर के रहने वाले अमनदीप सिंह अपनी बाइक से काम करके घर लौट रहे थे। इस बीच उनकी बाइक अचानक से फिसल गई जिस कारण अनमदीप के सिर में गंभीर चोट आ गई। जिस वजह से वह मौके पर ही बेहोश हो गया। PGI में तत्काल भर्ती करवाया , जहां 11 दिन तक चले इलाज के बाद 3 दिसंबर को डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। अनमदीप के माता पिता का कहना था की उनका बेटा बड़ा ही मेहनती था। अंग दान के हमारे इस फैसले से हमें यह महसूस होगा की हमारा बेटा हमारे बीच है।
सुबह की सैर पर निकला था बलविंदर, अज्ञात बाइक सवार ने मारी टक्कर
पटियाला गांव मंडोली का रहने वाला बलिंदर सिंह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकला था। जिस बीच उसको एक अज्ञात बाइक सवार ने टक्कर मार दी, जिसकी वजह से उसके सर में गंभीर रूप से कई चोटें आई थी। PGI में इलाज के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिला। जिसके बाद 2 दिसंबर को बलिंदर ने अपना दम तोड़ दिया।
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