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चंडीगढ़ | पिछले कुछ दिन से राज्य में भारी वर्षा व बाढ़ की स्थिति से न सिर्फ जनजीवन प्रभावित हुआ, बल्कि अब इसका असर राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। इससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। 26 दिन में डेंगू के मामले तिगुने के करीब हो गए हैं। जानकारी के अनुसार अधिक वर्षा व बाढ़ के बाद जल संग्रहण के कारण जल जनित बीमारियों की आशंका पहले ही जताई जा रही थी। जानकारी के अनुसार राज्य में 30 जून तक डेंगू के 125 मामले सामने आए थे, जबकि उसके बाद मात्र 26 दिन में ही यह आंकड़ा 350 पार कर चुका है।
जल जनित बीमारियों में से एक चिकनगुनिया के मामलों में भी भारी वर्षा, बाढ़ व जल ठहराव की वजह से बढ़ौतरी दर्ज की गई है, जहां 14 जुलाई तक राज्य में चिकनगुनिया के मामलों की संख्या 6 थी, वहीं अब वह बढ़कर 15 हो गई है। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत दिवस राज्य में डेंगू की संभावना को लेकर 250 सैंपल टैस्ट किए गए, जिनमें से 38 सैंपल पॉजिटिव पाए गए जबकि जनवरी से अभी तक 6 हजार से अधिक सैंपल टैस्ट किए गए हैं जिनमें से 350 मामले डेंगू के पॉजिटिव पाए गए। शुक्र यह है कि अभी तक इन बीमारियों ने किसी की जान नहीं ली।
जानकारी के अनुसार राज्य में गत दिवस जो 38 सैंपल डेंगू के पॉजिटिव पाए गए, उनमें सर्वाधिक 18 मामले जिला कपूरथला से संबधित हैं। इन 38 मामलों में 1-1 जिला अमृतसर, बठिंडा, फाजिल्का व तरनतारण से संबंधित है, जबकि 2 मामले जिला लुधियाना से सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार गत 1 जनवरी से लेकर अभी तक डेंगू के &59 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि 30 जून तक यह आंकड़ा 125 था। इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 6565 सैंपल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 359 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से सर्वाधिक 79 मामले जिला बठिंडा से संबधित हैं।
स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों का मानना है कि 2023 के मानसून सीजऩ के परिणामस्वरूप भयंकर बाढ़ से बहुत क्षति हुई है। ऐसी स्थिति में बीमारियां और प्रकोप एक अन्य प्रमुख स्वास्थ्य चिंता का विषय है। समय पर कार्रवाई की जाए तो इन समस्याओं को रोका जा सकता है। पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार निम्र सुझावों का पालन कर सुरक्षित रहा जा सकता है।
टायरों में जमा पानी, टूटे मिट्टी के बर्तन, नारियल के गोले, बेकार प्लास्टिक कंटेनर, खुले घरेलू जल भंडारण मच्छरों के लिए संभावित प्रजनन स्थल हैं। उपरोक्त कंटेनरों और टूटी-फूटी वस्तुओं को हटा दें, जिनमें पानी जमा हो सकता है।डेंगू/मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें। अपना शरीर ढकें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।बाढ़ के पानी में प्रवेश करने से बचें, क्योंकि इस दौरान सांप का काटना भी बहुत आम है। यदि आवश्यक हो तो बाढ़ के पानी में प्रवेश करते समय वाटरप्रूफ जूते पहनें।
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