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चंडीगढ़। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरु की गई मुहिम के दौरान आज पंजाब शिक्षा विभाग के पाँच कर्मचारियों को 2007 में ई.टी.टी./जे.बी.टी./टीचिंग फैलोज़ के लगभग 9998 पदों की पंजाब स्तर पर भर्ती करने सम्बन्धी सरकारी रिकॉर्ड में अनियमितताओं और गड़बड़ी करने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया है। उन्होंने आगे कहा कि मोहाली की समर्थ अदालत द्वारा विजीलैंस ब्यूरो को इन दोषियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड दे दिया गया है।
इस सम्बन्धी आज यहाँ जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग, पंजाब के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध विजीलैंस जांच के उपरांत विजीलैंस ब्यूरो के थाना, उडऩ दस्ता-1 पंजाब, मोहाली में एफ.आई.आर. नम्बर 18, तारीख़ 08-05-2023 को आई.पी.सी. की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 7 (13) (1) ( ए), 13 (2) के अंतर्गत दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस मुकदमे में शामिल मुलजि़मों, जि़ला शिक्षा दफ़्तर (डी.ई.ओ.) एलिमेंट्री, लुधियाना के कर्मचारी मनजीत सिंह जूनियर सहायक, महेन्दर सिंह सीनियर सहायक, (दोनों सेवामुक्त) और डी.ई.ओ. (एलिमेंट्री), गुरदासपुर के धर्मपाल, सीनियर सहायक, नरिन्दर कुमार, जूनियर सहायक, और मित्र वासू, सीनियर सहायक को गिरफ़्तार किया गया है।
अधिक विवरण देते हुए उन्होंने आगे बताया कि पड़ताल के दौरान पाया गया कि यह कर्मचारी अलग-अलग समय पर डी.ई.ओ (एलिमेंट्री) लुधियाना और गुरदासपुर में तैनात रहे थे और साल 2007 में ई.टी.टी./जे.बी.टी./ टीचिंग फैलोज़ के पंजाब स्तर पर लगभग 9998 पदों के लिए आवेदन करने वाले हज़ारों उम्मीदवारों का भर्ती रिकॉर्ड, जैसे चैक लिस्टें, मैरिट सूचियाँ, पड़ताल सूचियाँ, अनुभव सम्बन्धी सर्टिफिकेट, उम्मीदवारों की अंतिम चयन/मैरिट आदि रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के लिए जि़म्मेदार थे। उन्होंने आगे बताया कि इन कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के साथ, इस रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने में अनियमितताएं कीं और गड़बड़ी की है। उन्होंने कहा कि चुने गए कई उम्मीदवारों द्वारा अनुभव के जाली सर्टीफिकेटों समेत अन्य फज़ऱ्ी दस्तावेज़ पेश करने सम्बन्धी शिकायतें सामने आने के उपरांत, उक्त दोषी अपने अधीन सुरक्षित रखे ज़रुरी रिकॉर्ड को इस मंतव्य के लिए नियुक्त की गई विभागीय समिति या विजीलैंस ब्यूरो के समक्ष पेश करने में असफल रहे। इस मामले में पूछ-ताश मुकम्मल होने पर इन दोषी कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया गया है और इस चयन प्रक्रिया के दौरान तैनात रहे अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की भी कानून के अनुसार गहराई से जांच की जायेगी।
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