पंजाब

डंपिंग ग्राउंड में लगने जा रहे अस्थाई शेड के प्रोजेक्ट को रोका जाए : प्रदीप छाबड़ा

mukeshwari
11 Jun 2023 3:24 PM GMT
डंपिंग ग्राउंड में लगने जा रहे अस्थाई शेड के प्रोजेक्ट को रोका जाए : प्रदीप छाबड़ा
x

चंडीगढ़। डंपिंग ग्राउंड का मामला सेकड़ो लोगो की जिंदगी और 400 करोड़ रुपए से जुड़ा है। पहले भी नगर निगम की जल्दबाजी में डंपिंग ग्राउंड पर लगा प्लांट फेल हो चुका है। यह कहना है पूर्व मेयर और आप के वरिष्ठ नेता प्रदीप छाबड़ा का। प्रदीप छाबड़ा ने कहा की नगर निगम ने जे पी प्लांट के समय भी जल्दबाज़ी की थी, जिसका नतीजा यह निकला कि कुड़े के ढेर बढ़ते गये। उस गलती को दोबारा दोहराया जा रहा है। डंपिंग ग्राउंड से कूड़े के पहाड़ को हटाना पुरे शहर से जुड़ा मामला है। अभी इसपर निर्णय लेने के लिए कुछ समय रुकना चागिए। सभी पार्टी के पार्षदों के मतो को जानने के बाद प्रोजेक्ट को और बेहतरीन बनाने पर काम करना होगा। अभी यह समय डंपिंग ग्राउंड में नया प्रोजेक्ट लगाने का नहीं है बल्कि कुछ ऐसा विकल्प ढूढ़ने का है जिससे वहा से स्थानीय लोगो को भी दिक्कत न आये।

प्रदीप छाबड़ा ने चंडीगढ़ प्रशासक से आग्रह किया कि डंपिंग ग्राउंड में लगने वाले अस्थाई शेड के प्रोजेक्ट को फ़िलहाल रोका जाए .नगर निगम इस प्रोजेक्ट को लगाने के लिए अड़ी हुई है और ड्डूमाजरा की जनता व पार्षद विरोध कर रहे है .ऐसे हालत बन चुके है की जनता के प्रतिनिधि को धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे है जोकि लोकतंत्र के लिए सही नहीं है .प्रदीप छाबड़ा ने प्रशासक से अपील करते हुए कहा की डंपिंग ग्राउंड में लगने वाले अस्थाई शेड को लगने से रोक दिया जाए।क्योंकि मामला में गड़बड़ी भी लग रही है। गौरतलब है की टिप्पिंग चार्जेज को पहले ही बता दिया जाता है । इस प्रोजेक्ट को कम्पनीज फ्री में लगाने को तैयार है। उसके बावजूद करोड़ो रुपए खर्च करना एक बड़े घोटाले की और इशारा कर रहा है। इस बात का भी कोई भरोसा नहीं की प्लांट लगते ही चंडीगढ़ की जनता पर नया टैक्स लगा दिया जाए।

mukeshwari

mukeshwari

प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

    Next Story