न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
विधायक सीमा त्रिखा को वाई प्लस सुरक्षा मिली हुई है। उनकी सुरक्षा में 11 जवान तैनात हैं। पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई को वाई श्रेणी सुरक्षा होने के कारण 11 जवान मिले हैं।
हरियाणा में माननीयों की सुरक्षा में 1515 जवान तैनात हैं। सभी की सुरक्षा पर होने वाला खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है। सीएम की सुरक्षा में 286 और डिप्टी सीएम की सुरक्षा में 37 जवान हैं। सबको उनके पद और खतरे के मद्देनजर सुरक्षा दी गई है। सरकार ने सुरक्षा में लगे जवानों से जुड़ा ब्योरा सोमवार को विधानसभा में सदन पटल पर रखा।
इनेलो विधायक अभय चौटाला और कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अतारांकित सवाल में यह जानकारी मांगी थी। सरकार ने बताया है कि गृह मंत्री अनिल विज की सुरक्षा में 27, बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की सुरक्षा 24 जवान कर रहे हैं। स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता और शिक्षा मंत्री कंवर पाल की सुरक्षा में 23-23 जवान लगे हुए हैं।
राज्य मंत्री अनूप धानक की सुरक्षा में 19 जवान तैनात हैं। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, राज्य मंत्री बनवारी लाल, कृषि मंत्री जेपी दलाल, राज्य मंत्री कमलेश ढांडा, ओम प्रकाश, संदीप सिंह, परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा, डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा की सुरक्षा में 18-18 जवान ड्यूटी दे रहे हैं। विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बदली और निकाय मंत्री कमल गुप्ता की सुरक्षा में 14-14 जवान लगे हैं।
विधायक सीमा त्रिखा को वाई प्लस सुरक्षा मिली हुई है। उनकी सुरक्षा में 11 जवान तैनात हैं। पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई को वाई श्रेणी सुरक्षा होने के कारण 11 जवान मिले हैं। सांसदों में रमेश कौशिक के साथ सबसे अधिक 10, रतन लाल कटारिया के साथ 9, नायब सैनी के साथ 8, कृष्णपाल गुर्जर के साथ 7 जवान रहते हैं।
अन्य सांसदों को एक से 5 जवान मिले हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र चौधरी को 6, कुमारी सैलजा, पूर्व सांसद राजकुमार सैनी को 3-3 जवान खतरे को देखते हुए दिए गए हैं। पूर्व मंत्रियों में ओपी धनखड़ के पास 14 जवान हैं। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को 11 जवान खतरे के मद्देनजर मिले हैं। 337 लोग ऐसे है, जिनकी सुरक्षा में एक से दस तक जवान लगे हैं।
विधायकों को पांच करोड़ की राशि हर साल नहीं, 5 साल में एक बार मिलेगी
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को 5 करोड़ रुपये की राशि हर साल नहीं, बल्कि पांच साल के कार्यकाल में एक बार दी जाएगी। यह कोई ग्रांट नहीं है, बल्कि इसके लिए विधायकों को विकास योजना बनाकर देनी होती है। जो विधायक ऐसा करते हैं, उन्हीं को यह राशि दी जाती है।
मानसून सत्र के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2014-15 में यह घोषणा की गई थी कि 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य करवाने के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। हालांकि, कुछ विधायक सदन में यह कहते हैं कि उन्हें वार्षिक 5 करोड़ रुपये की राशि नहीं दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 4-5 विधायकों ने उनके क्षेत्र में करवाए जाने वाले कार्यों की सूची नहीं दी लेकिन वह सदन में जोर से आवाज उठाते हैं। उन्होंने कहा कि 7 दिनों में विधायकों के कहने से जो विकास कार्य करवाए गए हैं उनकी सूची विधायकों को उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसमें कार्यों सहित राशि का ब्योरा होगा। इसलिए जिन विधायकों की शेष राशि के कार्य बचे हैं, वे बता देंगे तो उन्हें राशि अब भी जारी कर दी जाएगी।
सरकारी विभागों के बिजली बिलों की राशि विभागों के पास स्वत: पहुंच जाएगी
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब से सरकारी विभागों के बिजली बिलों की राशि विभागों के पास स्वत: पहुंच जाएगी। इसके लिए राज्य के बजट में ही प्रावधान किया जाएगा और अप्रैल माह में ही विभागों को राशि प्रदान कर दी जाएगी। विधायक भारत भूषण बत्रा के जवाब में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कई बार ऐसी शिकायतें सामने आती थी कि कुछ सरकारी विभागों के बिजली बिल बकाया हैं। इन्हीं समस्याओं के निदान के लिए राज्य बजट में ही प्रावधान किया जाएगा और सरकारी विभागों के सालाना बिजली बिलों की समेकित राशि विभागों को भेज दी जाएगी।