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जालंधर स्थित शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल के आपातकालीन विभाग में सेवाएं दे रहीं डॉक्टर और स्टाफ नर्सों के साथ गलत व्यवहार और विभाग में तोड़फोड़ करने वाले विधायक के भाई राजन अंगुराल को बुधवार 12 बजे तक माफी मांगने का समय दिया गया था। मगर उन्होंने माफी नहीं मांगी। इसके बाद दोपहर एक बजे पीसीएमएस डॉक्टरों ने ओपीडी ठप कर दी और इमरजेंसी के बाहर धरने पर बैठ गए।
इस दौरान इमरजेंसी में भी गंभीर मरीजों का इलाज किया गया। पूरे घटनाक्रम में लीपापोती का किरदार निभाने वाले विधायक रमन अरोड़ा ने भी चुप्पी साध रखी है। पूरे प्रकरण को एक हफ्ते का समय होने वाला है। बता दें कि पिछले बुधवार की रात सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी दे रहीं डॉक्टर हरवीन कौर और स्टाफ नर्सों के साथ गलत व्यवहार के साथ तबादला कराने की धमकी दी गई थी।
चार दिन पहले विधायक रमन अरोड़ा ने हाथ जोड़कर माफी मांगने के अलावा अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की भरपाई करने की बात कही थी और राजन अंगुराल से माफी मंगवाने का वादा किया था लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। पहले मंगलवार का दिन तय किया गया। मगर डेडलाइन को बुधवार 12 बजे तक बढ़ा दिया गया। इसी दौरान मंगलवार की रात विधायक शीतल अंगुराल की दादी का स्वर्गवास हो गया। इस संबंध में जब सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट राजीव शर्मा ने डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने धरना हटा लिया और मरीजों को देखना शुरू कर दिया।
एमएस ने कहा कि जल्दी ही डॉक्टरों की विधायक के भाई के साथ बैठक होगी, जिसमें वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। वहीं दूसरी तरफ डॉ. हरवीन कौर ने कहा कि एक सप्ताह हो गया अगर माफी मांगनी होती तो अब तक मांग चुके होते। यह हमारी संवेदना है कि हम एक बार फिर धरना स्थगित कर रहे हैं लेकिन माफी मांगे बिना शिकायत वापस नहीं ली जाएगी। यह हम डॉक्टर और स्टाफ नर्सों के स्वाभिमान की बात है, हम पीछे नहीं हटेंगे।
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