पंजाब

2 नौजवानों की हत्या के आरोपी पुलिस अधिकारियों को लेकर कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

Shantanu Roy
7 Sep 2022 5:17 PM GMT
2 नौजवानों की हत्या के आरोपी पुलिस अधिकारियों को लेकर कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
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बड़ी खबर
गुरदासपुर। झूठा पुलिस मुकाबला दिखा कर दो नौजवानों की हत्या करने वाले दो पुलिस अधिकारियों को स्थानिय अतिरिक्त जिला व सैशन जज परमिन्द्र सिंह राए की अदालत ने उम्र कैद की सजा तथा 5-5 लाख रूपए जुर्माना का आदेश सुनाया। इस झूठे पुलिस मुकाबले मे शामिल तीन पुलिस कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। जो दो सेवा मुक्त हो चुके पुलिस अधिकारियों को सजा सुनाई गई उनमे सहायक सब इन्सपैक्टर चन्नन सिंह तथा तरलोक सिंह शामिल हैं। यह पुलिस मुकाबला लगभग 30 वर्ष पहले डेरा बाबा नानक इलाके मे हुआ था। इस मामले मे शिकायतकर्ता लखबीर कौर पत्नी हरजीत सिंह निवासी अलावलपुर द्वारा अदालत मे दायर याचिका पर अदालत ने धारा 302 तथा 364 अधीन पांच पुलिस अधिकारियों के विरूद्व दोष आयद किए थे। शिकायतकर्ता द्वारा दायर याचिका अनुसार 21 मार्च 1993 को दोपहर के समय वह बेटे बलविन्द्र सिंह के साथ बस पर सवार होकर गांव भोमा से वापिस आ रही थी। इस बस मे उनका परिचित विरसा सिंह,उसकी पत्नी सुखविन्द्र कौर तथा उसका बेटा बलविन्द्र सिंह उर्फ लाटू भी सफर कर रहे थे। जब बस तलवंडी रामा बस स्टाप पर रूकी तो अचानक डेरा बाबा नानक पुलिस स्टेशन के इंचार्ज बलदेव सिंह,कांस्टेबल चन्नन सिंह, कांस्टेबल निर्मल सहित कुछ अन्य पुलिस कर्मचारी बस मे आए।
आते ही पुलिस ने उसके बेटे बलविन्द्र सिंह तथा दूसरे नौजवान बलविन्द्र सिंह उर्फ लाटू को बस से उतार लिया। जब हमने पुलिस से दोनो को पकडऩे का कारण पूछा तो उन्होने बताया कि यह आंतकवादी है। पुलिस उन्हे डेरा बाबा नानक पुलिस स्टेशन ले गई। शिकायतकर्ता ने याचिका मे दर्ज किया था कि उसके बाद हमारा परिवार तथा गांव के लोग डेरा बाबा नानक पुलिस स्टेशन भी गए थे हम सभी ने पुलिस को बताया था की यह दोनो बच्चे बेकसूर है,पंरतु पुलिस ने कोई बात सुनने से मना कर दिया। 23 मार्च 1993 को पुलिस उन्हे वाहन मे बैठा कर गांव कठियाली की तरफ ले गई। दोनो नौजवान शोर मचा रहे थे की पुलिस उन्हे मार देगी। कुछ समय बाद जब पुलिस की गाड़ी कठियाली गांव के पास पंहुची तो गांव निवासियों ने गोलिया चलने की आवाज सुनी। वहां पर दोनो नौजवानो को पुलिस मुकाबला दिखा कर मार दिया गया था। याचिकाकर्ता लखबीर कौर के अनुसार उसके बेटे का शव भी उसे नही दिया गया तथा पुलिस ने स्वंय ही अंतिम संस्कार किया। इस अहम केस की सुनवाई लगभग 30 वर्ष चली। इस दौरान एस.एच.ओ.बलदेव सिंह,सहायक सब इन्सपैक्टर ज्ञान सिंह तथा हैड कांस्टेबल निर्मल सिंह की मौत हो चुकी है। अब अदालत ने दोनो पक्षों के वकीलों की दलीले सुनने के बाद सहायक सब इन्सपैक्टर चन्नन सिंह तथा तरलोक सिंह को उम्र कैद की सजा तथा 5-5 लाख रूपये जुर्माना का आदेश सुनाया। जुर्माना राशि पीडि़त परिवारों को दी जाएगी।
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