पंजाब

पराली को आग लगाने का मामला, किसानों ने घेरी जांच अधिकारियों की टीम

Shantanu Roy
30 Oct 2022 6:17 PM GMT
पराली को आग लगाने का मामला, किसानों ने घेरी जांच अधिकारियों की टीम
x
फरीदकोट। नजदीकी गांव डल्लेवाला में धान की पराली को लगाई आग की जांच के लिए पहुंची जिला अधिकारियों की टीम को ग्रामीणों ने घेर कर आपकी तकरार के बाद बंदी बना लिया जिस पर करीब तीन घंटे के बाद पुलिस प्रशासन और किसान संगठन के पदाधिकारियों ने समझौता करवा कर उन्हें आजाद करवा लिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के डिप्टी कमिश्नर डॉ. रूही दुग व अपर उपायुक्त की गाड़ियां जब इस गांव के पास से गुजरीं तो उन्होंने पराली को लगी आग देख इस मामले की जांच के लिए गांव डल्लेवाला पहुंचने के आदेश जिला अधिकारियों को दिए थे जिस पर डी.ई.ओ. गुरजंत सिंह व सतबीर सिंह, कानूनगो गुरतेज सिंह और पटवारी हरप्रीत सिंह एक टीम के रूप में प्रभावित खेतों का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें कुछ किसानों ने इन्हे रोका और तीखी नोकझोंक के बाद उन द्वारा अधिकारियों को घेर कर फुटेज और रिपोर्ट को रद्द करने की मांग को लेकर बंदी बना लिया।
इस मामले की सूचना मिलने पर डी.एस.पी. जसमीत सिंह व स्थानीय पुलिस प्रमुख सदर ने मौके पर जाकर स्थिति को संभाला और उसके बाद रात करीब 8 बजे किसान यूनियन सिद्धूपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल व उपाध्यक्ष डिप्टी सिंह राष्ट्रीय किसान संघ के अध्यक्ष बिंदर सिंह गोलेवाला और भारतीय किसान संघ कादियान के अध्यक्ष ने मौके पर जाकर किसानों से समझौता करवा कर जिला अधिकारियों को मुक्त कराया। भारती किसान यूनियन सिद्धूपुर के जिला उपाध्यक्ष डिप्टी सिंह ने कहा कि सरकार पराली प्रबंधन के लिए अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है जिसके कारण किसान पराली जलाने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बेलर मशीन जब गांठें बनाती हैं तो ये गांठें 8 से 10 दिनों तक खेतों में ही पड़ी रहती हैं जबकि किसान खर्चे का भुगतान भी कर रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि किसानों को पराली को ठिकाने लगाने के लिए आग लगानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगर मौके पर ही गांठों को उठा लिया जाए तो किसानो को आग लगाने की जरुरत ही न पड़े।
Next Story