न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
नए आदेश के अनुसार, समायोजित किए जाने वाले कुल 105 स्कूलों में दो हाईस्कूल हैं, जहां से 25 से कम विद्यार्थी हैं। 97 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां पर 20 से कम विद्यार्थी हैं और छह स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम है। खास बात ये है कि मर्ज होने वाले स्कूलों में सबसे अधिक 22 संख्या शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के गृह जिले यमुनानगर से हैं।
हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिए 20 व 25 से कम छात्र संख्या वाले 105 स्कूलों को समायोजित करने की तैयारी कर ली है। वर्तमान छात्र संख्या के हिसाब से यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही एक किलोमीटर के दायरे में सभी स्कूलों को एक स्कूल कैंपस माना जाएगा और इनका हेड भी एक ही होगा। रविवार को इस संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक व विशेष सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। हालांकि, अध्यापक यूनियनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसके विरोध में मोर्चा खोल दिया है। यूनियनों ने चेताया है कि इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।
नए आदेश के अनुसार, समायोजित किए जाने वाले कुल 105 स्कूलों में दो हाईस्कूल हैं, जहां से 25 से कम विद्यार्थी हैं। 97 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां पर 20 से कम विद्यार्थी हैं और छह स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम है। खास बात ये है कि मर्ज होने वाले स्कूलों में सबसे अधिक 22 संख्या शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के गृह जिले यमुनानगर से हैं।
इसके अलावा, कुरुक्षेत्र में 14, रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ 10-10, झज्जर 9, भिवानी 8, अंबाला 6, चरखी दादरी 5, जींद 3, कैथल-करनाल, मेवात, पलवल 2-2, पंचकूला, रोहतक, सोनीपत, सिरसा व हिसार जिले में 1-1 स्कूल को समायोजित किया जाना है। नए आदेश के अनुसार, मिडिल स्कूल जिसमें छठी से आठवीं कक्षा में 20 से कम छात्र हैं और हाईस्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं में 25 से कम छात्र हैं, उन्हें तीन किलोमीटर के दायरे के स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। जिन मिडिल स्कूलों में कक्षा 6 से 8वीं में 10 से कम विद्यार्थी हैं, उनको नजदीकी स्कूल में मर्ज किया जाएगा। प्रदेश के माडल संस्कृति स्कूल इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
एक किलोमीटर दायरे के सभी स्कूल होंगे एक संस्था, हेड भी एक
नए निर्णय के तहत एक किलोमीटर के दायरे में व एक ही कैंपस में चल रहे प्राथमिक, मिडिल, हाई एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को एक स्कूल हेड के अंतर्गत चलाया जाएगा। बड़े स्कूल के अंतर्गत सभी विद्यालय मर्ज किए जाएंगे। इनकी समय सारिणी भी एक ही होगी। एक स्कूल कैंपस में यदि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है तो उस स्कूल में हाई, मिडिल व प्राथमिक विद्यालय मर्ज किए जाएंगे। अगर हाईस्कूल है तो मिडिल व प्राइमरी स्कूल हाई हेड के अंतर्गत पढ़ाई होगी। यदि मिडिल स्कूल है तो प्राइमरी स्कूल मिडिल स्कूल में समायोजित होंगे। हालांकि, स्कूल भवनों को सरपल्स नहीं घोषित किया जाना। इन आदेश से सरप्लस हुए ईएसएचएम व हेड टीचर इन स्कूलों में एक शिक्षक के रूप में शिक्षण कार्य करेंगे।
प्राइमरी स्कूल हेड का पद होगा खत्म, जेबीटी की पदोन्नति भी बाधित
हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरीओम राठी व प्रदेश कोषाध्यक्ष चतर सिंह व प्रदेश संरक्षक वीरेंद्र रुहिल ने स्कूलों को मर्ज करने का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार के इस आदेश से प्रदेश के अधिकांश प्राइमरी स्कूलों में हेड टीचर का पद समाप्त हो गया है और जेबीटी शिक्षकों की कैडर की एकमात्र पदोन्नति भी सरकार व शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दी है।
हरियाणा सरकार प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पदों की नई भर्ती से पीछा छुड़ा कर शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित कर उनके हितों पर कुठाराघात कर रही है। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग बुला कर इस फैसले के खिलाफ आंदोलन चलाने का निर्णय लिया जाएगा।