पंजाब

विद्यार्थियों को साबित करने का मौका दिया जाएगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।

Rounak Dey
14 Jun 2023 1:09 PM GMT
विद्यार्थियों को साबित करने का मौका दिया जाएगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।
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उन्हें समुचित समाधान प्रदान किया जाएगा।
कनाडा | फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला लेने के आरोप के बाद निर्वासन का सामना कर रहे 700 विद्यार्थियों को आशा की किरण नजर आने लगी है। पंजाब व भारत सरकार के दबाव के बाद कनाडा में पंजाब मूल के सांसद व मंत्री भी विद्यार्थियों के पक्ष में उतर आए हैं।
कनाडा के मंत्री सीन फ्रेजर ने स्वीकार किया है कि उन्हें लगता है कि ज्यादातर विद्यार्थी खुद धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। वे एक प्रक्रिया बनाएंगे, जहां उन्हें यह साबित करने का मौका दिया जाएगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उन्हें समुचित समाधान प्रदान किया जाएगा।
हाउस ऑफ कॉमन्स में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान फ्रेजर ने दोहराया कि वह निर्दोष छात्रों की मदद करेंगे।उन्होंने विपक्षी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य जेनी क्वान के एक सवाल के जवाब में कहा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रक्रिया विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं कि धोखाधड़ी के शिकार निर्दोष छात्रों को कनाडा में रहने का अवसर मिले। फ्रेजर ने कहा कि जो लोग जानबूझकर धोखाधड़ी करते हैं या धोखाधड़ी की योजना में शामिल थे, उन्हें कनाडा के कानूनों का पालन नहीं करने का परिणाम भुगतना होगा।
कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (सीबीएसए) ने उन छात्रों को निर्वासन नोटिस जारी किया है, जिनके शैक्षणिक संस्थानों के प्रवेश प्रस्ताव पत्र फर्जी पाए गए थे। जिसके बाद पंजाब से लेकर कनाडा तक हाहाकार मच गया था। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर व पंजाब के मंंत्री कुलदीप धालीवाल बार-बार कनाडा के अधिकारियों से निष्पक्ष रहने और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह कर रहे थे। उन्होंने नई दिल्ली में कहा कि जिन्होंने विद्यार्थियों को गुमराह किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे विद्यार्थीर को दंडित करना अनुचित है, जिसने नेक नीयत से शिक्षा ग्रहण की है। हम इस मुद्दे पर कनाडा के साथ संपर्क में हैं।
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