पंजाब में करोड़ों रुपये की नशा तस्करी से जुड़े मामले में जेल से बचने के लिए बर्खास्त एआईजी राजजीत सिंह चार महीनों से भूमिगत है। अब राजजीत सिंह को काबू करने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) नई रणनीति से जुट गई है।
गुरुवार को एसटीएफ की टीमों ने कई धार्मिक स्थानों में जाकर राजजीत की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया। वहीं, राजजीत सिंह पुलिस से बचने के लिए जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर चुका है। उस पर इसी हफ्ते ही सुनवाई है। हालांकि एसटीएफ की कोशिश यही है कि उससे पहले ही उसे काबू कर लिया जाए।
600 जगह हो चुकी है रेड
एसटीएफ गत कई माह में राजजीत सिंह की तलाश में 600 से अधिक जगह पर रेड कर चुकी है। इसमें मोहाली स्थित उसके घर से लेकर उसके रिश्तेदार तक शामिल हैं। एसटीएफ की टीमें उन स्थानों पर जाकर आई है, जहां पर अपनी नौकरी की है। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। वहीं, एसटीएफ को संदेह है कि वह किसी भी धार्मिक स्थान पर हो सकता है। ऐसे में कई जगह एसटीएफ सिविल ड्रेस में गई। साथ ही कुछ ऐसे धार्मिक स्थान, जहां उसके आने का संदेह है, वहां पक्के मुलाजिम सिविल ड्रेस में तैनात कर दिए हैं, जो हर जानकारी सरकार से शेयर कर रहे हैं।
इससे पहले एसटीएफ की जांच में सामने आया कि कि 14 मार्च को जैसे ही सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम एसआईटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई का एलान किया था। उस दिन से वह घर से गायब चल रहा है। वह घर से घर से दो बैग लेकर निकला था। लेकिन उस दिन से उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। इससे पहले एसटीएफ होशियापुर, अमृतसर, तरनतारन, उत्तराखंड, हिमाचल समेत कई राज्यों में छापे मारे हैं।
संपत्ति में एनआरआई लिंक की तलाश
एसटीएफ आरोपी के नशा तस्करी से आए पैसे से बनाई चल-अचल संपत्ति के बारे में भी पड़ताल कर रही है। अधिकारियों के अनुसार 450 लोगों से उसकी संपत्ति के बारे में सवाल-जवाब किए गए हैं। एसटीएफ को संदेह है कि इसमें एनआरआई लोग भी शामिल हैं। एसआईटी रिपोर्ट में राजजीत के साथ 40 लाख के लेनदेन का उल्लेख है। पंजाब पुलिस इस एंगल पर भी काम कर रही है।