पंजाब

पंजाब में भी बने टिकरी बॉर्डर जैसे हालात, बारिश में भी धरने पर बैठे किसान

Shantanu Roy
11 Oct 2022 3:57 PM GMT
पंजाब में भी बने टिकरी बॉर्डर जैसे हालात, बारिश में भी धरने पर बैठे किसान
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बड़ी खबर
संगरूर। भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) की ओर से यहां पंजाब तथा केन्द्र सरकार के विरुद्ध अनिश्चितकालीन समय का पक्का मोर्चा हट-हटकर हो रही बारिश के बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की कोठी के सामने पटियाला रोड पर दूसरे दिन भी जारी रहा। इसमें और भी भारी संख्या में सैंकड़ों महिलाओं समेत पंजाब भर से हजारों किसान-मजदूर नौजवान शामिल हुए। सड़क के दोनों तरफ ट्रैक्टर-ट्रालियां तथा अन्य व्हीकल बहुत दूर-दूर तक खड़े थे तथा जगह-जगह लंगर वितरित किए जा रहे थे। स्टेज के आसपास नरेन्द्र मोदी तथा विश्व व्यापार संस्था समेत विश्व बैंक का पुतला भी खड़ा था। संबोधित करते प्रदेशाध्यक्ष जोगिन्द्र सिंह उगराहां ने बताया कि यह मोर्चा गत वर्ष या इस बार गुलाबी सुंडी तथा नकली कीटनाशकों से, ओलावृष्टि/भारी बारिश या वायरल रोग से कई जिलों में तबाह हुए नरमे तथा अन्य फसलों समेत प्रभावित मकानों का पूरा-पूरा मुआवजा काश्तकार किसानों पर खेत मजदूरों में तुरंत बंटाने के लिए, धरती निचले तथा दरियाई पानियों की मालिकी साम्राज्य कार्पोरेटों को सौंपने वाली संसार बैंक की जल नीति समेत दौधर जैसे निजी जल-सोध प्रोजैक्ट रद्द करवाकर सरकारी जल सप्लाई स्कीम पहले की तरह जारी रखवाने के लिए, जीरा नजदीक प्रदूषण का गढ़ बनी हुई शराब फैक्टरी को तुरंत बंद करवाने के लिए, लुधियाना में से गुजरते बुड्ढे नाले के पानी का प्रदूषण तथा ट्राईडैंट फैक्टरी द्वारा सेमनाले तथा धरती के निचले पानी का प्रदूषण तुरंत रोकने के लिए, भारत माला हाईवे प्रोजैक्ट के लिए नाममात्र मुआवजा जारी करके जमीनों पर पुलिस के जोर कब्जे रोकने के लिए, अपनी जमीन को स्तर/नीची करने का अधिकार छीनने वाला माइनिंग कानून रद्द करवाने के लिए, एम.एस.पी. तथा हर किसान के पूरे धान की खरीद बिना शर्त करवाने के लिए, बिना जलाए पराली संभालने के लिए 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिलाएं या फिर मजबूरीवश पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती बंद की जाए।
आग से इस प्रदूषण के मुकम्मल खात्मे के लिए धान की बिजाई पूरी तरह से बंद करने की खातिर इसकी जगह बदलवीं फसलें मक्की, मूंगी, गुआरी, बासमती आदि का एम.एस.पी. स्वामीनाथन रिपोर्ट अनुसार लाभकारी निर्धारित करके इसके मुताबिक बिना शर्त खरीद की कानून गारंटी करवाने के लिए, लम्पी स्किन रोग से मरी गायों का मुआवजा मार्कीट रेट मुताबिक पूरा दिलाने के लिए, संसार बैंक की हिदायत मुताबिक केन्द्र द्वारा थोपी गई जमीन बैंक नीति रद्द करते पंचायती शामलाट जुमला मालिकाना सरकारी जमीनों पर खेती या रिहायश कर रहे बेजमीने कम जमीने किसानों-मजदूरों को इसके मालिकी अधिकार दिलाने के लिए, लोगों के हक्की जम्हूरी आंदोलनों दौरान पुलिस जब्र बंद करवाने तथा पिछली सरकारों समेत अब मजदूरों किसानों पर दर्ज किए मुकद्दमे पराली केसों समेत वापस लेने की मानी हुई मांग तुरंत लागू करवाने के लिए लगातार दिन-रात जारी रखा जाएगा। स्टेज सचिव की भूमिका जिला मोगा के अध्यक्ष अमरजीत सिंह सैदोके ने निभाई तथा गुरदेव सिंह किशनपुरा मोगा, हरबंस सिंह कोटली मुक्तसर, लखविन्द्र सिंह मंजियांवाली गुरदासपुर, हरजिन्द्र सिंह बग्गी बठिंडा, गुरभेज सिंह रोहीवाला फाजिल्का समेत दर्शन भैणी मैहराज बरनाला जिलों के नेताओं ने भी संबोधन किया। सहयोगी जत्थेबंदियों द्वारा हिमायती काफिले लेकर शामिल हुए पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेता हरमेश मालड़ी तथा पूर्व सैनिक जी.ओ.जी. नेता कैप्टन गुला सिंह ने भी किसान संघर्ष के कंधे से कंधा जोड़कर हिमायत का ऐलान किया।
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