पंजाब

एसजीपीसी के नेतृत्व में सिख संगतें 13 अगस्त को पूरे राज्य में जिला स्तरीय करेगी प्रदर्शन

Ritisha Jaiswal
11 Aug 2022 2:48 PM GMT
एसजीपीसी के नेतृत्व में सिख संगतें 13 अगस्त को पूरे राज्य में जिला स्तरीय करेगी प्रदर्शन
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पंजाब में बंदी सिखों की रिहाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई को लेकर स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.

पंजाब में बंदी सिखों की रिहाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई को लेकर स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. एसजीपीसी के नेतृत्व में सिख संगतें 13 अगस्त को पूरे राज्य में जिला स्तरीय प्रदर्शन करेंगी.

30 साल से ज्यादा सजा काट चुके हैं सिख बंदी
एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बुधवार को बताया कि 13 अगस्त को पूर्वाह्न 10 बजे जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे और इस दौरान शिरोमणि समिति के सदस्य और कर्मचारी काली पगड़ी पहनकर भाग लेंगे. धामी ने कहा कि देश की आजादी में 80 फीसदी से ज्यादा कुर्बानी सिखों ने दी, लेकिन दुख की बात है कि 75 साल से सिखों को अलग-थलग महसूस कराया जा रहा है. इसका एक उदाहरण तीन दशक से अधिक उम्र की सजा काटने के बाद भी देश की जेलों में कैद सिंहों की रिहाई न होना है.
गुरुद्वारों में तिरंगा फहराने की निंदा
उन्होंने कहा कि देश का संविधान यहां रहने वाले सभी लोगों को समान अधिकार देता है, लेकिन सिखों के प्रति सरकार का रवैया नकारात्मक रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारों के इस भेदभावपूर्ण रवैये के कारण ही शिरोमणि कमेटी ने 13 अगस्त को पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. एसजीपीसी ने हरियाणा में जिला परिषद अंबाला प्रशासन द्वारा सरकार के कार्यक्रम 'हर घर तिरंगा' के तहत ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री मांजी साहिब अंबाला और गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब में सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयार करने और तिरंगा फहराने के आदेश की निंदा की है.
केवल निशान साहिब फहराने की है इजाजत
एसजीपीसी की अंतरिम समिति ने एक प्रस्ताव पारित कर हरियाणा सरकार और अंबाला जिला परिषद को इस तरह की कार्रवाई से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी. धामी ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब की एक अनूठी आचार संहिता है, जिसके अनुसार यहां केवल धार्मिक समारोह आयोजित किए जा सकते हैं और केवल निशान साहिब को ही फहराया जा सकता है, लेकिन अंबाला जिला परिषद ने गुरु-मर्यादा का अपमान किया है. एसजीपीसी के विरोध के पश्चात अंबाला प्रशासन ने इस आदेश को वापस ले लिया है

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