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गुरदासपुर: गुरदासपुर की एक महिला जज के सरकारी निवास पर गत दिनों चोरी होने के मामले ने आज एक नया रूप ले लिया। इस चोरी संबंधी महिला जज के घर पर सफाई आदि का काम करने वाली युवती ममता को आज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पदाधिकारियों ने सिविल अस्पताल में गंभीर हालत में दाखिल करवाया। ममता ने आरोप लगाया है कि महिला जज के घर में हुई चोरी संंबंधी सिटी पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुला कर उस पर थर्ड डिग्री का टार्चर किया जिस कारण उसकी हालत खराब हो गई।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि ममता को इंसाफ न मिला तो संघर्ष का रास्ता अपनाया जाएगा। जिला पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने इस घटना की जांच डी.एस.पी. सुखपाल सिंह को सौंप कर जल्दी रिपोर्ट देने को कहा है। इस संबंधी सिविल अस्पताल में दाखिल पीड़िता 23 वर्षीय ममता पुत्री तरसेम मसीह निवासी गांव आलेचक्क ने बताया कि वह महिला जज के घर में सफाई आदि का काम करती है तथा महिला जज के घर से बीते दिनों 22 तोले सोने के जेवर तथा लगभग 20 हजार रुपए चोरी हो गए थे। महिला जज के घर में चोरी करने के संदेह में उसे शनिवार को सुबह 11 बजे घर से उठाया गया था। पुलिस ने पहले हमारे घर की गहनता से तालाशी ली,लेकिन कुछ भी बरामद न होने के कारण उसे सिटी पुलिस स्टेशन लाया गया। पुलिस ने उसे सिटी पुलिस स्टेशन में रखने की बजाय पुलिस के क्वार्टरों में 2 दिन रखा तथा उस पर थर्ड ड्रिगी टार्चर किया गया। उसके गुप्तांग पर करंट लगाया गया।
रविवार रात लगभग 11 बजे उसे गांव के सरपंच कुलवंत सिंह को बुला कर उसके हवाले किया गया तथा घर भेजा गया। आज जब इस घटना की जानकारी किसान मजदूर संघर्ष कमेटी को मिली तो कमेटी के पदाधिकारियों ने ममता को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया। कमेटी के उप प्रधान जतिन्द्र सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि उन्हें पता चला था कि एक नौजवान लड़की को दो दिन पुलिस ने अवैध हिरासत में रख कर अमानवीय अत्याचार किया है। मारपीट दौरान एक भी महिला कर्मचारी को मौके पर नहीं रखा गया। लड़की के प्राईवेट अंगों पर करंट लगाया गया। इन नेताओं ने कहा कि यदि पुलिस को चोरी संबंधी ममता पर संदेह था तो उसके विरुद्ध केस दर्ज कर अदालत से रिमांड लिया जा सकता था तथा कानूनी ढंग से पूछताछ की जा सकती थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार किसी भी महिला को शाम 5 बजे के बाद पुलिस स्टेशन में नहीं रखा जा सकता। उक्त नेताओं ने सिटी पुलिस स्टेशन इंचार्ज सहित ममता पर अत्याचार करने वाले सभी पुलिस कर्मचारियों को मुअत्तल कर उच्च स्तर के अधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।
जिला पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार का कहना है कि उन्हें घटना के बारे में पता चल गया है। मामले की जांच डी.एस.पी. सुखपाल सिंह को सौंप दी गई है। वहीं डी.एस.पी. सुखपाल सिंह का कहना है कि युवती से केवल पूछताछ की गई है। फिलहाल उसके साथ मारपीट करने की कोई बात सामने नहीं आई है। फिर भी मामले की जांच की जा रही है, जो भी आरोपी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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