पंजाब

गैर-सिख को श्री हजूर साहिब का प्रशासक लगाने पर SGPC सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों को दी चेतावनी

SANTOSI TANDI
8 Aug 2023 7:28 AM GMT
गैर-सिख को श्री हजूर साहिब का प्रशासक लगाने पर SGPC सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों को दी चेतावनी
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सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों को दी चेतावनी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को सिखों के धार्मिक मामलों में दखलंदाजी न करने की चेतावनी दी है। एक बैठक में एसजीपीसी एवं अन्य धार्मिक संस्थाओं में भी बेवजह दखलअंदाजी किए जाने का नोटिस लिया। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सरकारों की अनावश्यक दखलअंदाजी गहरी साजिश है, एसजीपीसी इसे बर्दाशत नहीं करेगी।
धामी ने कहा कि सिख गुरुधामों की अपनी मर्यादा व परम्परा है। इसके अनुसार ही सिख संस्थाएं सेवा-संभाल करती हैं। सरकारें सिखों के अधिकार वाले कामों में दखल कर मनमर्जी के फैसले ले रही हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गैर-सिख को तख्त श्री हजूर साहिब का प्रशासक लगाकर सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गैर-सिख अभिजीत रजिंदर कुमार को तख्त श्री हजूर साहिब का प्रशासक बनाए जाने की निंदा की गई।
महाराष्ट्र के सीएम से की मांग
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस गैर-सिख प्रशासक को अविलंब हटाने की मांग भी की गई है। ऐसा करना सिख कौम के पांच तख्तों में से एक तख्त श्री हजूर साहिब की मर्यादा का उल्लंघन है जिसे बर्दाशत नहीं किया जाएगा। सरकार अपने इस फैसले को तुरंत वापस ले। धामी ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा भी अल्पंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने के बजाय सरकारी बोली बोल रहे हैं।
धामी ने कहा कि हाल ही में उन्होंने किसी मामले में एसजीपीसी के एक कार्यकारिणी सदस्य का इस्तेमाल कर अपनी पार्टी के हित साधने का प्रयास किया है। उन्होंने खुलासा किया कि आायोग द्वारा सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल सिख संस्थाओं के मामलों की जांच करना गैर वाजिब है जिस कार्यकारिणी सदस्य ने लालपुरा को एजेंसियों से जांच करवाने के लिए पत्र देकर मांग की थी, आज उसने एसजीपीसी से लिखित रूप से अपनी इस हरकत के लिए माफी मांग ली है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन को सलाह
धामी ने लालपुरा को राजनीति करने की बजाए अल्पसंख्यकों के कामों की तरफ ध्यान देने की सलाह दी है। उन्होंने लालपुरा से जानना चाहा है कि वह मणिपुरा, जम्मू कशमीर में अल्पसंख्यकों के मावाधिकारों के हो रहे उल्लंघन पर चुप क्यों हैं। तख्त श्री हजूर साहिब में गैर सिख प्रशासक लगाया गया है, इसपर चुप क्यों हैं। सिख को प्रशासक लगवाने के लिए क्यों पीएम नरेंद्र मोदी को सिफारिश नहीं करते। सूखी रोटियों के घोटले के मामले में एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने रिपोर्ट धामी को सौंपी है। बैठक में दशकों से नजरंबद बंदी सिखों की रिहाई के लिए प्रयास तेज करने का फैसला भी लिया गया।
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