पंजाब
हरकतों से बाज नहीं आ रहा है SFJ का आतंकी पन्नू, अब कनाडा के ब्रैम्पटन में रेफरेंडम की तैयारी
Shantanu Roy
12 Sep 2022 1:38 PM GMT

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जालंधर। विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकियों ने रेफरेंडम 2020 के बाद अब 18 सितंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन में एक बार फिर रेफरेंडम (जनमत संग्रह) तैयारी कर ली है। भारत में प्रतिबंधित आतंकी संस्था सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ) कनाडा में खालिस्तान पर 18 सितंबर को जनमत संग्रह का आयोजन करेगी। भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाला गुरपतवंत सिंह पन्नू इस आतंकी गुट का प्रमुख है। इस जनमत संग्रह का कनाडा में रह रहे भारतीय विरोध कर रहे हैं।
मुटठी भर लोग करते हैं इस तरह के आयोजन
कनाडा में रह रहे भारतीयों का कहना है कि ब्रैम्टन में खालिस्तानी विचाराधारा के लोगों की संख्या कनाडा के दूसरे हिस्सों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा है। यही वजह है कि इस बार इस जनमत संग्रह का केंद्र ब्रैम्पटन को बनाया गया है। ब्रैम्पटन में जनमत संग्रह को लेकर बड़े-बड़े पोस्टर और होर्डिंग्स भी लगाए गए हैं। जानकारों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों को कनाडा सरकार अनुमति देती है अगर वे शांतिपूर्ण तरीके से किए जाएं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि ये मुट्ठी भर लोग हैं, जो इस तरह की आयोजन करते हैं। इससे पहले ब्रैम्पटन में ही आजादी दिवस पर कई बार तिरंगा यात्रा भी निकाली गई है। रेफरेंडम को लेकर गुरपतवंत सिंह पन्नू लाखों लोगों के एकत्रित होने का दावा करता आया है जो झूठ साबित हुए हैं।
कनाडा में सिखों को बरगलाने की कोशिश
इस जनमत संग्रह में आतंकी संस्था सिख फॉर जस्टिस कनाडा में रह रहे लोगों से यह पूछ रही है कि क्या पंजाब को एक अलग देश बनाना चाहिए ? इससे पहले सिख फॉर जस्टिस ने नवंबर 2021 में ब्रिटेन में जनमत संग्रह कराने का नाटक किया था। अब सिख फॉर जस्टिस की कनाडा में रह रहे भारत समर्थक सिख कड़ा विरोध कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी इस जनमत संग्रह का कड़ा विरोध किया है। जानकारी के मुताबिक खालिस्तान समर्थक आतंकी 18 सितंबर को जनमत संग्रह कराने से ठीक पहले कनाडा में ट्रक रैली निकालेंगे। इसके प्रचार के लिए कई जगह पोस्टर लगाए गए हैं और टोरंटो में गुरुद्वारों के अंदर सिखों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है। इस जनमत संग्रह में एक और खतरनाक बात यह है कि इसे कनाडा सरकार के स्वामित्व वाले और संचालित किए जाने वाले कम्युनिटी सेंटर में अंजाम दिया जाएगा। सिख फॉर जस्टिस ने इस जनमत संग्रह की शुरुआत 31 अक्टूबर 2021 को लंदन में की थी।
ब्रिटेन में हुए रेफरेंडम में शामिल हुए थे 150 लोग
इसके बाद स्विट्जरलैंड और इटली में भी इस जनमत संग्रह को कराया गया था। इन जनमत संग्रहों को पाकिस्तान से भरपूर समर्थन मिल रहा है और सिखों के नाम पर पाकिस्तानी वोट देने पहुंचे थे। सिख फॉर जस्टिस ने दावा किया था कि लंदन में हुए जनमत संग्रह में 10 से 12 हजार लोगों ने हिस्सा लिया लेकिन ब्रिटेन पर नजर रखने वाले लोगों का कहना था कि केवल 100 से लेकर 150 लोग ही इसमें शामिल हुए थे। ब्रिटेन में 3 खालिस्तान समर्थक गुरुद्वारों को छोड़कर किसी ने इस कथित जनमत संग्रह के लिए अपने प्लेटफार्म की अनुमति नहीं दी थी। खालिस्तान समर्थक ब्रिटेन में गैरकानूनी तरीके से रह रहे सिख प्रवासियों तक पहुंचे और उन्हें नागरिकता सहायता देने का लालच दिया। साथ ही जनमत संग्रह में हिस्सा लेने के लिए पैसा भी दिया था।
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